` आप की मान सरकार उच्च शिक्षा को तबाह करने पर तुलीः अश्वनी शर्मा

आप की मान सरकार उच्च शिक्षा को तबाह करने पर तुलीः अश्वनी शर्मा

AAP government bent on destroying higher education Ashwani Sharma share via Whatsapp

AAP government bent on destroying higher education: Ashwani Sharma


मान सरकार की मनमानी, उच्च शिक्षा का कर रही विनाश


अश्वनी शर्मा द्वारा जेएसी को दिया गया समर्थन


इंडिया न्यूज सेंटर,जालंधर: आज पंजाब भाजपा अध्यक्ष अश्विनी कुमार शर्मा ने यहां पत्रकारवार्ता के दौरान राज्य में आप की मान सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि आप की मान सरकार उच्च शिक्षा को बर्बाद करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि मान सरकार की मनमानी उच्च शिक्षा का विनाश कर रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब में आप ने बड़े-बड़े झूठे वादे कर सत्ता हासिल की है, लेकिन सरकार जिस तरह से उच्च शिक्षा संस्थानों को बर्बाद करने की राह पर चल रही है, उससे राज्य में युवाओं का भविष्य अंधकार में डूबने के कगार पर है।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य भर के 250 से अधिक कॉलेजों के प्रबंधकों, प्रिंसिपलों और शिक्षक सड़कों पर उतर कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, सरकार की अयोग्यता के कारण शिक्षक छात्रों को कॉलेजों में पढ़ाने के बजाय सड़कों पर उतर कर उच्च शिक्षा को बचाने के लिए संघर्ष करने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की इन अनियमितताओं के कारण शिक्षण संस्थानों में छात्रों की संख्या कम हो रही है, क्योंकि वर्तमान में वित्तीय बोझ उन प्रशासकों पर है जो पहले से ही आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि निजी विश्वविद्यालयों को लाभ पहुंचाने के लिए इस पोर्टल को लागू किया जा रहा है। इस अवसर पर सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए अश्वनी शर्मा ने एडेड कॉलेज प्रबंधन, तीन राज्य विश्वविद्यालयों के प्रमुख फेडरेशनों, पंजाब चंडीगढ़ कॉलेज टीचर्स यूनियन (पीसीसीटीयू) और गैर-सहायता प्राप्त कॉलेजों के बारे में बताते हुए कहा कि लंबे समय से उनकी जायज मांगों को मनवाने के लिए एक्शन कमेटी द्वारा संघर्ष किया जा रहा है। प्रदेश सरकार को 95 प्रतिशत ग्रांट इन एड स्कीम के स्टाफ की ग्रेच्युटी व लीव इनकैशनमेंट के बारे तुरंत फैसला लेने की चेतावनी दी।

उन्होंने कहा कि 95 प्रतिशत ग्रांट इन एड स्कीम को अविलंब पूर्ण रूप से क्रियान्वित किया जाए। उन्होंने कहा कि सहायता अनुदान को घटाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया है और नवनियुक्त शिक्षकों को 21 हजार 600 रुपये वेतन दिया जाता है जो बहुत कम है। 95 प्रतिशत अनुदान सहायता योजना के तहत शिक्षकों को नियुक्ति के समय से ही पूरा वेतन दिया जाए।

शर्मा ने कहा कि जेएसी वे उक्त मुद्दे को हल करने के लिए 5 मई को जालंधर में आयोजित की जा रही विशाल संयुक्त रैली और विरोध मार्च का पूर्ण समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जेएसी द्वारा जीएनडीयू, अमृतसर, पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला और पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ के कुलपतियों को भी पत्र भेजा गया है कि 5 मई को कोई भी प्रिंसिपल या शिक्षक परीक्षा ड्यूटी पर नहीं आएंगे और भविष्य में भी परीक्षा ड्यूटी का बहिष्कार किया जाए। इस दौरान छात्रों को हुई परेशानी के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी।

इस अवसर पर जेएसी के प्रधान राजिंदर मोहन सिंह छीना ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) की राज्य सरकार उच्च शिक्षा संस्थानों को तबाह करने पर तुली हुई हैं। जालंधर व अन्य जगहों पर हुई आपात सभाओं में उन्होंने सरकार के विरोध में जालंधर लोकसभा उपचुनाव का विरोध करने का संकल्प भी लिया। उन्होंने कहा कि हालांकि राज्य में उच्च शिक्षा के सामने कई मुद्दे हैं। लेकिन जेएसी कॉलेजों की वर्तमान तीन प्रमुख मांगों में प्रस्तावित केंद्रीकृत प्रवेश पोर्टल को पूरी तरह से खारिज करना है, जिसे कॉलेजों पर मनमाने ढंग से लागू किया जा रहा है। छीना ने कहा कि सरकार हमारी जायज मांगों को पूरा करने में विफल रही है और हमारे पास आम आदमी पार्टी की शिक्षा विरोधी नीतियों का विरोध करने के लिए लोगों तक पहुंचने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में पंजाब के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से समय मांगा गया है, लेकिन उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

उन्होंने कहा कि जेएसी केंद्रीकृत प्रवेश पोर्टल का बहिष्कार जारी रहेगा और इस संबंध में उन्होंने सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को परीक्षा ड्यूटी के बहिष्कार के फैसले को लेकर पत्र भी लिखा है। उन्होंने कहा कि युवाओं के विदेश जाने से कॉलेजों में दाखिले पहले ही कम हो रहे हैं और अब उक्त पोर्टल के कारण कॉलेजों पर आर्थिक और प्रशासनिक रूप से बहुत बुरा असर पड़ेगा । उन्होंने कहा कि पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ ने पहले ही केंद्रीयकृत प्रवेश पोर्टल को लागू नहीं करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार नहीं जागी तो आने वाले दिनों में राज्य के तीनों विश्वविद्यालयों की सभी परीक्षाओं का बहिष्कार किया जाएगा और इस संबंध में छात्रों को हुई परेशानी के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी।

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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