` अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी आज लगभग हर भारतीय के घर में प्रवेश कर चुकी है : डॉ. जितेंद्र सिंह

अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी आज लगभग हर भारतीय के घर में प्रवेश कर चुकी है : डॉ. जितेंद्र सिंह

Space technology has entered the home of almost every Indian today Dr. Jitendra Singh share via Whatsapp

Space technology has entered the home of almost every Indian today: Dr. Jitendra Singh

 

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि चंद्रयान की सफलता का जश्न मनाते हुए, भारत विभिन्न क्षेत्रीय विकास परियोजनाओं में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और इसके अनुप्रयोगों का भी उपयोग कर रहा है

 

भारत जलवायु परिवर्तन जैसे लक्ष्य निर्धारित कर रहा है, हमने 2070 तक नेट ज़ीरो लक्ष्य निर्धारित किया है और आने वाले कल में हम हाइड्रोजन के प्रमुख निर्यातकों में से एक होंगे - डॉ. जितेंद्र सिंह

 

हमारे पास सब कुछ था, लेकिन हम एक सक्षम वातावरण की प्रतीक्षा कर रहे थे और और यह सक्षम वातावरण प्रधानमंत्री  नरेन्‍द्र मोदी के आने के बाद आया : डॉ. जितेंद्र सिंह


नेशनल न्यूज डेस्कः केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि चंद्रयान की सफलता का जश्न मनाते हुए, भारत इसी समय विभिन्न क्षेत्रीय विकास परियोजनाओं में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और इसके अनुप्रयोगों का भी उपयोग कर रहा है। श्री सिंह ने जब यह बात कही तब वह "जैव चिकित्सा विज्ञान में चंद्रयान-3 की सफलता का अनुकरण" विषय पर एक विशेष सत्र को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी आज हर भारतीय के घर में प्रवेश कर चुकी है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष अनुप्रयोगों का उपयोग लगभग सभी क्षेत्रों में किया जा रहा है, जैसे कि मौसम पूर्वानुमान और आपदा प्रबंधन, स्मार्ट सिटी परियोजना, अवसंरचना का  विकास, रेलवे ट्रैक और मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग का प्रबंधन, सड़कें और इमारतें, टेलीमेडिसिन, शासन और सबसे महत्वपूर्ण, 'स्वामित्व' जीपीएस लैंड-मैपिंग में।

 

“इन पिछले 7 से 8 वर्षों में हमने दुनिया को दिखाया है कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और इसके वैज्ञानिक अनुप्रयोगों का उपयोग क्षेत्रीय विकास के लिए कैसे किया जा सकता है। हम अपने बच्चों को इससे मिलने वाले विशाल, सहायक, सकारात्मक पहलुओं को समझाना चाहते हैं। उन्होंने यह बात नई दिल्ली में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पैनक्रिएटोलॉजी को संबोधित करते हुए कही।

 

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग ने दुनिया के सामने किफायती उपायों से भारत की तकनीकी क्षमता और प्रतिभा को प्रदर्शित किया है। चंद्रयान-1 मिशन द्वारा सल्फर, कोबाल्ट, हाइड्रोजन और पानी के अणुओं जैसे खनिज तत्वों के साक्ष्य को दुनिया भर में पूरे वैज्ञानिक समुदाय द्वारा देखा जा रहा है, क्योंकि वे कुछ नए निष्कर्षों की आशा कर रहे हैं।

 

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आज भारत जलवायु परिवर्तन जैसे लक्ष्य निर्धारित कर रहा है, हमने 2070 तक नेट ज़ीरो लक्ष्य निर्धारित किया है और कल हम हाइड्रोजन के प्रमुख निर्यातकों में से एक होंगे।

 

उन्होंने कहा कि हमने वास्तव में दुनिया के सामने यह साबित कर दिया है कि हम आपके मंच पर आपसे मिल सकते हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘अब हम दूसरों से नेतृत्व नहीं ले रहे हैं, हम बाकी देशों को नेतृत्व देने की स्थिति में हैं। भारत अब नेतृत्व करने के लिए तैयार है, दुनिया नेतृत्व देने के लिए तैयार है। अब यह हम पर निर्भर है कि हममें नेतृत्व करने की कितनी क्षमता है और इसीलिए यह प्रत्येक नागरिक को सम्मान दे रहा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगे कहा, अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की लंबी छलांग प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा इस क्षेत्र को "गोपनीयता के पर्दे" से बाहर निकालने के साहसी निर्णय को लेने के बाद ही संभव हो पाया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का ताला खुलने के साथ,  देश की आम जनता चंद्रयान-3 या आदित्य जैसे बहुत बड़े अंतरिक्ष कार्यक्रमों के प्रक्षेपण को देखने में सक्षम हुई है। लगभग 10,000 छात्र और आम लोग आदित्य के प्रक्षेपण को देखने आए थे और चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने के दौरान करीब 1,000 मीडियाकर्मी वहां मौजूद थे।

उन्होंने कहा कि हमारे पास सब कुछ था, लेकिन हम संभवतः एक समर्थकारी माहौल के घटित होने की प्रतीक्षा कर रहे थे। और वह समर्थकारी माहौल नीति निर्माताओं के स्तर से, राजनीतिक नेतृत्व के स्तर से आना था और यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के आने के बाद आया।

डॉ. जितेंद्र सिंह, जो एक जाने-माने मधुमेह रोग विशेषज्ञ और मेडिसिन के प्रोफेसर भी हैं, ने कहा कि 'अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन' (एनआरएफ) की 70-80 प्रतिशत फंडिंग गैर-सरकारी स्रोतों से होगी।

 

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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