` राजा भैया औरअमित शाह के साथ बैंगलुरु में हुई मुलाकात से क्या बदलेगा यूपी का चुनावी माहौल?

राजा भैया औरअमित शाह के साथ बैंगलुरु में हुई मुलाकात से क्या बदलेगा यूपी का चुनावी माहौल?

Will the election environment of UP change due to the meeting with Raja Bhaiya and Amit Shah in Bengaluru share via Whatsapp

Will the election environment of UP change due to the meeting with Raja Bhaiya and Amit Shah in Bengaluru

 

यूपी न्यूज डेस्कः राजा भैया ओर भाजपा के चाणक्य अमित शाह की मुलाकात की खबरों ने यूपी की सियासत में हलचल पैदा कर दी है। उत्तरप्रदेश में लोकसभा चुनाव की राजनीतिक जमीन पर ओक बार फिर समीकरण बदलते नजर आ रहा है। यूपी में भाजपा 400 पार के नारे को सफल बनाने के लिए मिशन 80 में जुटी है। 

इस समीकरण को साधने के लिए पार्टी के तमाम शीर्ष नेता अपने स्तर पर काम करते दिख रहे हैं। एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी लगातार रैलियों और रोड शो के जरिए यूपी के राजनीतिक माहौल को एक बार फिर भाजपा के पक्ष में मोड़ने की कोशिश में हैं। वहीं, दक्षिण भारत से एक बड़ी खबर आ रही है। जनसत्ता पार्टी लोकतांत्रिक के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात हुई है। सूत्रों के हवाले से आ रही खबर के मुताबिक, दोनों नेताओं की मुलाकात बेंगुलुरु में शनिवार की रात हुई है। इस बैठक के कई मायने निकाले जा रहे हैं।


राजपूत नाराजगी को साधने का प्रयास

गुजरात में पुरुषोत्तम रुपाला के बयान के बाद से राजपूत की नाराजगी भारतीय जनता पार्टी को लेकर लगातार बढ़ती दिखी है। केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने चुनावी प्रचार के दौरान विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि कई राजपूत शासकों ने ब्रिटिश और अन्य विदेशी आक्रमणकारियों की मदद की। उनसे रोटी और बेटी के संबंध रखे। इसी को लेकर राजपूत समाज का गुस्सा भड़का हुआ है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने गुजरात की रैली में इस मामले को एक बार फिर उठाया। हालांकि, पीएम मोदी ने कर्नाटक की रैली से कांग्रेस पर राजा-महाराजाओं का अपमान करने सुल्तान-नवाबों के पीछे खड़े होने की बात कहकर मुद्दे को अलग ही रुख देने की कोशिश की।पिछले दिनों आगरा लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार एसपी सिंह बघेल को राजपूत वोटरों की नाराजगी का सामना करना पड़ा। उनके खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगे। अब भाजपा ठाकुर वर्ग की नाराजगी को दूर करने की कवायद में पूरी तरह से जुट गया है। लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कई अन्य जगहों से भी राजपूत वोटरों की नाराजगी का मामला सामने आया है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस प्रकार की किसी भी समस्या को बड़ा रूप लेने से पहले निपटाने की तैयारी में जुट गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राजा भैया की मुलाकात को भी इसी नजरिए से देखा जा रहा है।

 

राजा भैया की अलग है राजनीतिक पहचान

उत्तर प्रदेश की राजनीति में राजा भैया दो विधायकारें वाली जनसत्ता पार्टी के अध्यक्ष हैं। वह लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं और उनकी पकड़ राजपूत वोट बैंक के बीच काफी देखी जाती है। पूर्वांचलज से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक राजपूत वोट बैंक के बीच राजा भैया अपनी मजबूत पकड़ रखते हैं। ऐसे में अमित शाह और उनकी मुलाकात से इस वोट बैंक को एक बड़ा संदेश देने की कोशिश करते दिख रहे हैं। इस बार लोकसभा चुनाव में राजा भैया की पार्टी ने प्रतापगढ़ सीट से उम्मीदवार नहीं उतारा है। ऐसे में राजा भैया के साथ दिखकर अमित शाह एक बड़े वर्ग को साधने का प्रयास करते दिखेंगे। राज्यसभा चुनाव के दौरान राजा भैया ने भाजपा को समर्थन दिया था। बेंगलुरु की इस मुलाकात के जरिए दोनों पार्टी के संबंध और मधुर होने के आसार दिख रहे हैं।

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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