There was an uproar in Lok Sabha on Rahul's statement, questions were raised on the fairness of the election
न्यूज डेस्क, नई दिल्ली: लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सोमवार को विपक्ष के नेता (एलओपी) राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनाव का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले हिमाचल प्रदेश की पूरी आबादी को मतदाता सूची में जोड़ दिया गया था।
राहुल गांधी ने कहा, 'मैं इस सदन के ध्यान में महाराष्ट्र चुनावों के बारे में कुछ आंकड़ों और जानकारी को लाना चाहता हूं। लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के बीच हिमाचल प्रदेश की मतदाता आबादी को महाराष्ट्र की मतदाता सूची में जोड़ा गया था। यानी हिमाचल प्रदेश की पूरी आबादी को महाराष्ट्र के मतदाता सूची में जोड़ दिया गया। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच करीब 70 लाख नए मतदाता अचानक आ गए।'
कांग्रेस सांसद ने आगे कहा, 'हम चुनाव आयोग से कह रहे हैं कि कृपया हमें लोकसभा औरर विधानसभा के सभी मतदाताओं के नाम, पते और मतदाता केंद्र की जानकारी दें, ताकि हम गणना कर सकें कि ये नए मतदाता कौन हैं। दिलचस्प बात यह है कि नए मतदाता ज्यादातर उन निर्वाचन क्षेत्रों में हैं, जहां भाजपा ने जीत हासिल की है। मैं अभी कोई आरोप नहीं लगा रहा हूं। मैं सदन से कह रहा हूं कि चुनाव आयोग को आंकड़े देने होंगे। मुझे पूरा भरोसा है कि चुनाव आयोग हमें यह जानकारी देगा।'
संविधान के सामने सिर झुकाने को मजबूर हुए पीएम'
उन्होंने आगे कहा, 'मुझे याद है चुनाव से पहले आप सभी (भाजपा) 400 पार कह रहे थे और आप कह रहे थे कि आप इसे (संविधान) बदल देंगे। फिर मुझे यह देखकर खुशी हुई कि प्रधानमंत्री अंदर आए और संविधान के सामने अपना सिर झुकाने के लिए मजबूर हो गए। यह सभी कांग्रेस सदस्यों के लिए गर्व का क्षण था कि हमने प्रधानमंत्री और पूरे देश को समझाया कि कोई भी ताकत इसे छूने की हिम्मत नहीं करेगी। मैं जानता हूं कि आरएसएस ने इसे कभी स्वीकार नहीं किया है। (आरएसएस प्रमुख) मोहन भागवत ने कहा है कि भारत को आजादी 1947 में नहीं मिली थी। उन्होंने कहा कि यह निरर्थक है। हम आपका सपना कभी पूरा नहीं होगा। यह संविधान भारत पर हमेशा शासन करने वाला है।'
'चीन ने घुसपैठ की, विफल हो गया मेक इन इंडिया'
राहुल गांधी ने आगे कहा, हमारे सेना प्रमुख ने कहा है कि चीन ने हमारी जमीन पर घुसपैठ की है। यह एक तथ्य है। अब, यह जानना जरूरी है कि चीनी हमारी जमीने घुसे हैं। चीनी हमारे देश में इसलिए घुसे हैं क्योंकि मेक इन इंडिया विफल हो गया है। चीनी हमारे देश में इसलिए बैठे हैं क्योंकि भारत अपने उत्पाद खुद बनाने से इनकार कर रहा है। मुझे चिंता है कि भारत एक बार फिर यह क्रांति चीनी कंपनियों को सौंप देगा। जब हम चीन से युद्ध करेंगे तो हम चीनी मोटर्स, बैटरियां और उपकरणों के साथ युद्ध करेंगे और हमें ये सभी चीनी चीजें खरीदनी पड़ेंगी।
घुसपैठ का आपको सबूत देना होगा: लोकसभा अध्यक्ष बिरला
प्रधानमंत्री ने इसका खंडन किया, लेकिन सेना ने प्रधानमंत्री के विपरीत बयान दिया और कहा कि चीन हमारे 4000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर बैठा हुआ है। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, आप सदन में जो बोल रहे हैं, आपको उसका सबूत देना होगा। इस पर राहुल गांधी ने कहा, हमारे सेनाध्यक्ष ने कहा है कि चीनी हमारे क्षेत्र के भीतर हैं। यह एक तथ्य है।
भारत के बिना औद्योगिक प्रणाली नहीं बना सकता अमेरिका'
उन्होंने कहा, हमारा एक रणनीतिक साझेदार अमेरिका है। यह साझेदारी इस बात पर फोकस होनी चाहिए कि भारत और अमेरिका मिलकर इस क्रांति का लाभ कैसे उठा सकते हैं। भारत अमेरिका के जितने ही महत्वपूर्ण है, जिसकी वजह यह है कि वह हमारे बिना औद्योगिकी प्रणाली नहीं बना सकता। अमेरिकियों के लिए काम करना भारत के लिए आसान है। वह काम वे (अमेरिकी) नहीं कर सकते, क्योंकि उनकी लागत हमारी तुलना में कहीं ज्यादा है। हम वो चीजें बना कते हैं, जिसकी अमेरिकी भी कल्पना नहीं कर सकते।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर को तीन बार अमेरिका भेजा गया, ताकि प्रधानमंत्री को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में आने का निमंत्रण मिल सके। इस पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, विपक्ष के नेता इतने गंभीर, अप्रमाणिक बयान नहीं दे सकते। ये दो देशों के संबंधों से जुड़ा मामला है। आप देश के प्रधानमंत्री के निमंत्रण को लेकर असत्यापित बयान दे रहे हैं।
'जाति जनगणना के आंकड़ों पर करें एआई का उपयोग'
राहुल गांधी ने कहा, अगर हम जाति जनगणना के आंकड़ों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग करें, तो इसका क्या असर होगा, इसकी कल्पना कीजिए। एआई का उपयोग कर हम सामाजिक बदलाव ला सकते हैं। हम दलितों, अन्य पिछड़े वर्गों और आदिवासियों को देश के शासन, संस्थाओं और संपत्ति के वितरण में अधिक भागीदार बनाएंगे। दूसरी दरफ, हम चीन को चुनौती देंगे और उन्हें इलेक्ट्रिक मोटर्स बैटरियां, सौर पैनल और पवन उर्जा जैसे क्षेत्रों में हराएंगे। यह वह दो मुख्य बाते होंगी, जो विपक्षी इंडिया गठबंधन का कोई नेता राष्ट्रपति के अभिभाषण में कहेगा।