The new Income Tax Bill will end the old 'khichdi' system, these important changes will happen…
न्यूज डेस्क, बिजनेस: देश में चल रहे दशकों पुराना इनकम टैक्स कानून जल्द ही खत्म होने वाला है. आम बजट 2025-26 को संसद के पटल पर रखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि अब एक नए इनकम टैक्स लॉ की देश को जरूरत है और इसके लिए सदन में एक बिल इसी सत्र में रखा जाएगा. ऐसे में देश में नए इनकम टैक्स कानून के लिए एक समीक्षा कमेटी बनाई गई थी.
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान यह ऐलान किया था कि अब 12 लाख रुपए तक की आय टैक्स फ्री होगी. इसके साथ ही नए इनकम टैक्स बिल का भी ऐलान किया. जिसको लेकर घोषणा की गई कि इसी बजट सत्र में इस बिल को पेश किया जाएगा. तब वित्त मंत्री ने सदन में कहा था कि यह नया बिल टैक्स सिस्टम को सरल बनाने के लिए लाया जाएगा. देश में 1961 का इनकम टैक्स कानून अभी भी चल रहा है.
वहीं, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अध्यक्ष रवि अग्रवाल ने कहा है कि हमने कानून में गैर-जरूरी बातों को हटाने की कोशिश की है. जहां तक संभव हो सका, भाषा को आसान बनाया गया है. इसे यूजर-फ्रेंडली बनाने के लिए प्रजेंटेशन को बेहतर किया गया है. पहले जिन प्रावधानों को वाक्यों में लिखा गया था और जिनके कई तरह के अर्थ निकाले जा सकते थे, उन्हें अब स्पष्ट करने के लिए कुछ टेबल जोड़े गए हैं.
उन्होंने आगे कहा कि पुराने और अप्रासंगिक प्रावधानों को हटा दिया गया है, जिससे यह बिल अब संक्षिप्त हो गया है. मुझे लगता है कि अब इस कानून में टैक्स एक्ट लगभग 50% तक कम हो जाएगी.
न्यू इनकम टैक्स बिल पूरी तरह तैयार
सरकार की तरफ से 1961 के इसी इनकम टैक्स कानून के तहत नई टैक्स रिजीम लागू की गई थी. सरकार ने 2024-25 के बजट में यह कहा था कि देश में इनकम टैक्स को बदलने की जरूरत है.
अब सूत्रों के अनुसार सरकार की तरफ से कमेटी की सिफारिश पर नए इनकम टैक्स का बिल पूरी तरह से तैयार कर दिया गया है. ऐसे में जब नया इनकम टैक्स कानून पारित होगा तो यह कानून 1961 के इनकम टैक्स कानून की जगह लेगा.
सरकार के सूत्रों की मानें तो यह नया इनकम टैक्स एक्ट 21वीं सदी की जरूरतों के हिसाब से बनाया जा रहा है. इस तकनीक के दौर में टैक्सपेयर को काफी चीजें खुद करना होता है. ऐसे में लोगों के लिए इस इनकम टैक्स में ऐसा बदलाव होगा जो सामान्य मानवीय को अच्छी तरह से समझ में आ सके. यह सिस्टम इतना सरल बनाने की कोशिश है कि लोगों को इसमें कोई परेशानी न हो.
नए बिल में होंगे सिर्फ 3 लाख शब्द
सूत्रों की मानें तो 6 फरवरी को यह बिल संसद के पटल पर रखा जाएगा. इसके साथ ही इस बिल के सरलीकरण को ऐसे समझा जा सकता है कि पुराने आयकर कानून में लगभग 6 लाख के करीब शब्द हैं जो इस नए बिल में 3 लाख के करीब रह जाएंगे और यह करदाताओं को समझने के लिए भी आसान होगा.
सूत्रों की मानें तो नए इनकम टैक्स की भाषा को सरल बनाने पर भी सरकार काम कर रही है. दरअसल अभी जो इनकम टैक्स रूल है उसमें एक कोट में किसी चीज की व्याख्या अलग होती है, दूसरे में अलग. यानी यह कानून पूरी तरह से खिचड़ी की तरह बन गया है. सूत्रों के अनुसार इनकम टैक्स का जो वर्तमान मूल कानून है उसमें हर बार कोई न कोई चीज जोड़ी जाती रही. इस तरह इसमें सैकड़ों बार बदलाव किया गया. ऐसे में अब देश के लिए नए इनकम टैक्स कानून की जरूरत पड़ी.
1 अप्रैल 1962 को लागू हुआ था आयकर अधिनियम
भारतीय संसद ने आयकर अधिनियम पारित किया था, जो 1 अप्रैल 1962 को लागू हुआ था. तब से इसी कानून में बार-बार संशोधन कर नई चीजें जोड़ी जा रही थीं. जो कई मायनों में बेहद पेचीदा हो गया था. अब इसके सरलीकरण की प्रक्रिया के तहत इस नए कानून को बनाने की जरूरत सरकार को महसूस हुई ताकि लोगों को यह बेहद आसानी से समझ में आए. सूत्रों की मानें तो इसके लिए जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है वह काफी सरल और लोगों के लिए समझने के लिए आसान होगा.