` राहुल और सोनिया गांधी की संसद सदस्यता पर लटकी तलवार...? जानिए संसद में जांच के विषय को..

राहुल और सोनिया गांधी की संसद सदस्यता पर लटकी तलवार...? जानिए संसद में जांच के विषय को..

Sword hanging over Rahul and Sonia Gandhi's membership of Parliament...? Know the subject of investigation in Parliament share via Whatsapp

Sword hanging over Rahul and Sonia Gandhi's membership of Parliament...? Know the subject of investigation in Parliament

 

न्यूज डेस्क, नई दिल्ली: कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी और लोकसभा सांसद राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. क्योंकि कांग्रेस के इन दोनों दिग्गजों के खिलाफ संसद में विशेषाधिकार हनन का नोटिस गया है. बजट सेशन के पहले दिन राष्ट्रपति मुर्मू पर दिए गए सोनिया के बयान को लेकर सोनिया गांधी की मुश्किलें बढ़ रही हैं. वहीं राहुल गांधी ने भी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर अपनी बात रखते हुए यह कह दिया था कि चीन विनिर्माण क्षेत्र में भारत से आगे निकल गया है और प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में भारत को एक दशक पीछे छोड़ दिया.

भाजपा सांसदों ने दिया नोटिस

भाजपा सांसदों राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ 'अपमानजनक और निंदनीय' शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए सोनिया गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया. राज्यसभा सदस्य सुमेर सिंह सोलंकी के नेतृत्व में उन्होंने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और सोनिया गांधी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की. भाजपा सांसदों ने कहा कि सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति पद की गरिमा को ठेस पहुंचाने का काम किया है. भाजपा सांसदों ने नोटिस में कहा कि ऐसी टिप्पणियां न सिर्फ पद की गरिमा को कम करती हैं, बल्कि संसदीय प्रक्रियाओं और परंपराओं की शुचिता का भी उल्लंघन करती हैं. 

राष्ट्रपति को लेकर सोनिया गांधी ने क्या कहा था?

यह नोटिस सोनिया गांधी के ज़रिए शुक्रवार को संसद के संयुक्त सत्र में संबोधित किए जाने के बाद राष्ट्रपति मुर्मू पर की गई टिप्पणी को लेकर दिया गया है. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी संसद परिसर में भाषण पर चर्चा करते देखे गए. सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में सोनिया गांधी यह कहते हुए सुनी जा रही हैं,'बेचारी महिला, राष्ट्रपति आखिर तक बहुत थक गई थीं ... वह मुश्किल से बोल पा रही थीं.'

राहुल के पर लटकी है तलवार

इसके अलावा भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर सदन में गलत बयान देने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह अपने सभी दावों को साबित करें. नहीं तो विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा दें. उन्होंने यह भी कहा कि अगर राहुल गांधी अपने दावों को साबित नहीं कर पाते तो लोकसभा अध्यक्ष के निर्देशानुसार उन पर विशेषाधिकार संबंधी कार्यवाही हो. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सोमवार को विपक्ष के नेता के भाषण का सत्तारूढ़ भाजपा ने कड़ा विरोध किया था, जिसके बाद दुबे ने अध्यक्ष को अपना नोटिस सौंपा और दावा किया कि कांग्रेस नेता अपने आरोपों को प्रमाणित किए बिना अफवाह फैलाने के लिए अपने संसदीय विशेषाधिकार का उपयोग कर रहे हैं.

क्या कहा था राहुल गांधी ने?

अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने मोबाइल फोन दिखाते हुए कहा,'यह मेड इन इंडिया नहीं, बल्कि असेंबल्ड इन इंडिया है.' राहुल ने यह आरोप भी लगाया था कि भारत ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का निमंत्रण प्राप्त करने के लिए अमेरिका भेजा था. उनके कुछ आरोप महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए वोटर्स लिस्ट और चुनाव कमिश्नर की नियुक्ति के लिए कानून से भी संबंधित थे. अपने पत्र में दुबे ने मुद्दों के साथ-साथ जाति जनगणना की मांग से संबंधित कांग्रेस नेता के आरोपों का भी जिक्र किया. 

'माफी मांगे या आरोप साबित करें'

उन्होंने गांधी पर संविधान के अनुच्छेद 105 का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया, जो सांसदों को लोकसभा और राज्यसभा के भीतर की गई उनकी टिप्पणियों के लिए विशेषाधिकार प्रदान करता है. दुबे ने आरोप लगाया,'इन मुद्दों को उठाते हुए राहुल गांधी ने न सिर्फ ऐतिहासिक और ठोस तथ्यों को बेशर्मी से तोड़-मरोड़कर पेश किया है बल्कि हमारे देश का मजाक उड़ाने और हमारे गणतंत्र की प्रतिष्ठा को कम करने की भी कोशिश की है.' उन्होंने कहा कि बिरला ने गांधी से अपने दावों को साबित करने के लिए कहा था जबकि कांग्रेस नेता ने अब तक ऐसा नहीं किया है. विपक्ष के नेता पर कटाक्ष करते हुए दुबे ने कहा कि इस 'विद्वान' व्यक्ति ने न तो अपनी अस्पष्ट अफवाहों का प्रमाण दिया है और न ही हमारे देश और निर्वाचित सरकार को बदनाम करने के लिए संसद के पवित्र मंच का उपयोग करने के लिए माफी मांगी है.'

क्या होता है विशेषाधिकार हनन?

विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव (Privilege Motion) भारतीय संसद और विधानमंडलों में एक खास प्रक्रिया है, जिसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब किसी सदस्य, समिति या सदन के विशेषाधिकारों का उल्लंघन किया जाता है. यह प्रस्ताव तब लाया जाता है जब यह महसूस किया जाता है कि किसी व्यक्ति, संस्था या यहां तक कि किसी सदस्य के ज़रिए संसद या विधायिका के विशेषाधिकारों का उल्लंघन किया गया है. इसका मकसद सदन की गरिमा और सदस्यों के अधिकारों की रक्षा करना होता है. ये विशेषाधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 105 (संसद के लिए) और अनुच्छेद 194 (राज्य विधानमंडलों के लिए) में दिए गए हैं.

क्या है प्रक्रिया और कितनी हो सकती है सजा?

संसद के किसी भी सदस्य को यह प्रस्ताव लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति के सामने पेश करना होता है. अगर अध्यक्ष या सभापति इसे उचित मानते हैं, तो इसे विशेषाधिकार समिति (Privilege Committee) को भेजा जाता है. समिति मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट सदन को सौंपती है. अगर सदन को लगता है कि विशेषाधिकार का हनन हुआ है, तो दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. कार्रवाई में चेतावनी या फटकार, जेल की सजा, सदन से निलंबन और जुर्माना जैसी सजाएं शामिल हैं.

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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