BJP New chairman, RSS election for new chairman, Latest RSS voting update
न्यूज डेस्क, नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बंगलूरू में 21 से 23 मार्च के बीच होने वाली प्रतिनिधि सभा की बैठक से पहले भाजपा को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए जरूरी 50 फीसदी राज्यों में संगठन चुनाव को लेकर पार्टी नए सिरे से सक्रिय हुई है। चयनित राज्यों को 14 मार्च तक संगठन चुनाव संपन्न कराने का निर्देश दिया गया है।
पार्टी के संविधान के मुताबिक, नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए 50 फीसदी राज्यों में संगठन चुनाव जरूरी हैं। पार्टी अब तक इसके लिए जरूरी 18 राज्यों में से 12 राज्यों में ही संगठन चुनाव संपन्न करा पाई है। भाजपा के अतिविशिष्ट सूत्र ने कहा कि प्रतिनिधि सभा की बैठक बेहद अहम है। बैठक में संघ के शताब्दी वर्ष से लेकर भावी रणनीतियों पर मंथन होना है। हम चाहते हैं कि इस बैठक में हमारा नया अध्यक्ष शिरकत करे। इसके लिए छह राज्यों में संगठन चुनाव कराने हैं। हम इस लक्ष्य को दो सप्ताह के अंदर पूरा कर लेंगे। इसके लिए चयनित राज्यों को युद्ध स्तर पर संगठन चुनाव को निपटाने का निर्देश जारी किया गया है।
अब तक इन राज्यों में चुनाव
राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन के लिए 36 में से 18 राज्यों में संगठन चुनाव जरूरी हैं। अब तक राजस्थान, सिक्किम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, असम, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गोवा, लक्षद्वीप और मेघालय में ही संगठन चुनाव संपन्न हुए हैं। उत्तर प्रदेश के जिला अध्यक्षों की सूची केंद्रीय नेतृत्व ने कई बार अस्वीकार कर दी है। झारखंड, कर्नाटक, हरियाणा, पश्चिम बंगाल जैसे कई राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है।
महाकुंभ, दिल्ली चुनाव से हुई देरी
अब तक जिन 12 राज्यों में संगठन चुनाव संपन्न हुए हैं, उनमें ज्यादातर छोटे और केंद्रशासित प्रदेश हैं। इस बीच दिल्ली विधानसभा चुनाव, उत्तर प्रदेश में महाकुंभ और कई राज्यों में जारी असंतोष और गुटबाजी के कारण पार्टी अन्य छह राज्यों में संगठन चुनाव का कार्य पूरा नहीं कर पाई। पार्टी सूत्रों ने कहा कि अध्यक्ष पद के निर्वाचन के लिए सकारात्मक संदेश जरूरी है। इसके लिए उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में संगठन चुनाव आवश्यक हैं। यही कारण है कि अहम राज्यों को 14 मार्च तक संगठन चुनाव संपन्न कराने का अल्टीमेटम दिया गया है।
दलित या दक्षिण पर मंथन
नया राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा इस पर अभी अंतिम फैसला नहीं हो पाया है। हालांकि, पार्टी नेतृत्व सियासी कारणों से दलित या दक्षिण को महत्व देना चाहता है। चूंकि विपक्ष भाजपा और मोदी सरकार के संदर्भ में आरक्षण और संविधान को खत्म करने की धारणा बनाने की लगातार कोशिश कर रहा है। इसके अलावा भविष्य की राजनीति के लिए विस्तार को अहमियत देने के लिए भाजपा की निगाहें दक्षिण भारत के राज्यों पर हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि नया अध्यक्ष या तो दलित बिरादरी का होगा या फिर दक्षिण भारत से जुड़ा होगा।
संगठन को नया रूप देने की तैयारी
राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन के बाद पार्टी का जोर संगठन को नया रूप देने पर है। इस क्रम में राष्ट्रीय पदाधिकारियों की टीम में 60 से 70 फीसदी चेहरे बदले जाएंगे। पार्टी की योजना इन बदलावों के जरिये युवाओं, महिलाओं और समाज के सभी वर्गों को संगठन में प्रतिनिधित्व देने की है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि बड़े बदलाव से पार्टी की सर्वाधिक ताकतवर इकाई संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति भी अछूती नहीं रहेगी।
प्रतिनिधि सभा की बैठक अहम
संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक कई कारणों से अहम है। यह संघ की सबसे ताकतवर बॉडी है। इसी साल विजयादशमी को संघ अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरा करेगा। बैठक में शताब्दी वर्ष की तैयारियों को अंतिम रूप देने के साथ ही विस्तार के मद्देनजर संघ में भी कई अहम बदलावों को मंजूरी दी जाएगी। यही कारण है कि भाजपा इस बैठक में अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजना चाहती है।