ECI holds a meeting with CEO-DEOs to instruct SOPs related to First Level Checking (FLC) of EVM-VVPAT
इंडिया न्यूज सेंटर,चण्डीगढ़: पंजाब राज्य में आगामी विधान सभा चुनावों के मद्देनजऱ, भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने आज प्रोटोकॉल और ईवीएम-वीवीपैट की पहली बार की चैकिंग (एफएलसी) से सम्बन्धित निर्देशों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देने के लिए सभी 23 जिलों के डिप्टी कमिश्नरों-कम-जि़ला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा मीटिंग की।
डीईओज़ को उनकी भूमिकाओं और जि़म्मेदारियों संबंधी अवगत करवाने के लिए समूची एफएलसी प्रक्रिया की उचित जानकारी दी गई। यह कहा गया कि डीईओ समूची एफएलसी प्रक्रिया के लिए जि़म्मेदार होंगे और एफएलसी के निर्देशों की सख्ती से पालना को सुनिश्चित बनाएंगे। डीईओ एक ऐडीशनल/डिप्टी डीईओ की नियुक्ति करेगा, जो एफएलसी सुपरवाइजऱ के तौर पर एफएलसी प्रक्रिया से पूरी तरह अवगत होगा।
एफएलसी प्रक्रिया में चैक की जाने वाली ईवीएम और वीवीपैट्स की संख्या के आधार पर सीईओज़ ईवीएम के ईएलसी के लिए एक समय-सूची तैयार करते हैं और राजनैतिक पार्टियों की शमूलियत को यकीनी बनाते हैं। एफएलसी प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता को यकीनी बनाने के लिए सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त राजनैतिक पार्टियों का प्रतिनिधित्व अनिवार्य किया गया है।बैठक में मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंजाब डॉ. एस. करुणा राजू, पंजाब के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती माधवी कटारिया (आईएएस) और स्टेट ईवीएम नोडल अधिकारी उपस्थित थे। सीईओ, पंजाब डॉ. राजू ने निर्देश दिए कि एफएलसी के एसओपीज़ की सख्ती से पालना की जाए और भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी ज़रुरी प्रबंध किए जाएं।
एफएलसी के सभी नाजुक पहलूओं जैसे बुनियादी ढांचागत सुविधाएं और वैब-कास्टिंग/सीसीटीवी/वीडियोग्राफी की व्यवस्था संबंधी विचार-विमर्श किया गया। यह भी उजागर किया गया कि वैबकास्टिंग की फीड की डीईओ और सीईओ स्तर पर कंट्रोल रूम में नजदीकी तौर पर निगरानी की जाए और रिपोर्ट ईसीआई को सौंपी जाए। एफएलसी एक बड़े उपयुक्त रौशनी के प्रबंध वाले अच्छे हवादार हॉल में सिंगल एंट्री और एग्जिट प्वाइंट से की जाएगी।
भारत निर्वाचन आयोग एफएलसी के शुरू होने से 3-5 दिन पहले, एफएलसी हॉल और इसकी तैयारी का जायज़ा लेने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के अधिकारियों और सी.ई.ओ समेत निर्माता कंपनियों के इंजीनियरों की एक निरीक्षण टीम भेजता है। डीईओज़ द्वारा पहले तैयारियों का जायज़ा लेना और नियमित आधार पर औचक चैकिंग करना ज़रूरी है।