` पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा अध्यापक तबादला नीति-2019 के अंतर्गत डिजिटल विधि के द्वारा 19905 स्कूल अध्यापकों के व्यापक तबादलों के आदेश

पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा अध्यापक तबादला नीति-2019 के अंतर्गत डिजिटल विधि के द्वारा 19905 स्कूल अध्यापकों के व्यापक तबादलों के आदेश

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इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़ः
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बुधवार को अध्यापक तबादला नीति-2019 के अंतर्गत शिक्षा विभाग के आनलाइन पोर्टल के द्वारा डिजिटल तौर पर स्कूल अध्यापकों की बड़ी संख्या में आम तबादलों के आदेश किये।

बटन दबाते ही मुख्यमंत्री की तरफ से 10,099 अध्यापकों और वालंटियरों की केवल मेरिट पर उनकी पसंद के अनुसार स्टेशन पर तबादला करने की हरी झंडी दी गई। इस मौके पर शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला भी उपस्थित थे। तबादलों के लिए इछुक्क 35,386 अध्यापकों और वालंटियरें की तरफ से दिए आनलाइन आवेदन-पत्र हासिल हुए थे जिनमें से 15,481 अयोग्य पाये गए क्योंकि वह नीति के अंतर्गत निर्धारित किये मापदंड पूरे नहीं करते थे। बाकी रहते 19,905 आवेदन-पत्र तबादलों के लिए योग्य पाये गए। पहली बार कंप्यूटर अध्यापक और अलग-अलग वर्गों के शिक्षा वालंटियर भी अध्यापक तबादला नीति के दायरे के अधीन लाए गए।

इस मौके पर बोलते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेकली अध्यापक तबादला नीति खाली पद भर कर मानक शिक्षा देने के लक्ष्य को सफलता से हासिल करने में सहायक सिद्ध होगी। इससे बिना किसी रुकावट से अकादमिक सैशन जारी रखने में मदद मिलेगी। इसके अलावा अध्यापकों को केवल मेरिट पर अपने पसंदीदा स्टेशन पर नौकरी करने की तसल्ली भी मिलेगी। उन्होंने खुलासा किया कि राज्य सरकार शिक्षा विभाग की तरफ से मौजूदा समय जारी किये नोटिफिकेशन की जगह पर जल्द ही अध्यापकों के तबादलों के लिए ‘अध्यापक तबादला एक्ट’ लाया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से सरकारी स्कूलों में शिक्षा का मानक ऊँचा उठाने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए शुरू किये अलग-अलग प्रोजेक्टों की सराहना की। पंजाब ने स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता भरपूर बदलाव लाने के लिए कई नवीन पहलकदमियों का आगाज़ किया है। इस दिशा में तबादला नीति-2019 भी एक बड़ा कदम था।

आनलाइन प्रणाली के अंतर्गत अब तक 50 प्रतिशत से अधिक आवेदनों को पूरी पारदर्शिता के साथ मंजूरी दे दी गई है। ‘समग्र शिक्षा अभ्यान’ के अंतर्गत काम कर रहे ऐजुकेशन वालंटियरज़ और ऐजुकेशन प्रोवाईडरज के अलग-अलग वर्गों के इलावा 4405 मास्टरज़, 3748 प्राईमरी अध्यापकों और 718 लैक्चररों समेत 10,099 अध्यापकों के साथ-साथ पंजाब आई.सी.टी. एजुकेशन सोसायटी (पिकटस) के अंतर्गत काम कर रहे कंप्यूटर अध्यापक इस नीति का लाभ हासिल कर चुके हैं।

इस प्रक्रिया के बारे विस्तार में जानकारी देते एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि तबादलों के इच्छुक अध्यापकों को विभाग के पोर्टल पर आवेदन करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि जो मुलाजिम कैंसर, हैपेटाईटस-बी, हैपेटाईटस-सी, सिक्कल सैल्ल अनीमिया, थैलेसीमिया या डायलैसिस से पीड़ित हो, 60 प्रतिशत तक दिव्यांग हों, तलाकशुदा, विशेष बच्चों की सूरत में आनलाइन तबादलों के लिए आवेदन सौंपने से छूट है। इसी तरह जंगी विधवाएं, शहीदों की विधवाएं, जहाँ कि जीवन साथी की मौत होने पर सेवा निभाय रहे मुलाजिम के लिए किसी अन्य जगह पर तुरंत जाना जरूरी हो जाये और 15 साल से कम उम्र के बच्चों या ऐसे अध्यापकों जिनके जीवन साथी फौज में कठिनाईयों वाले स्थानों पर सेवा निभा रहे हैं, को अपने तबादले के लिए विनती आनलाइन जमा करवाने की जरूरत नहीं होगी।

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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