` मंत्रिमंडल द्वारा पंजाब ग्रामीण विकास (संशोधन) अध्यादेश-2022 को मंजूरी

मंत्रिमंडल द्वारा पंजाब ग्रामीण विकास (संशोधन) अध्यादेश-2022 को मंजूरी

CABINET APPROVES PUNJAB RURAL DEVELOPMENT (AMENDMENT) ORDINANCE, 2022 share via Whatsapp

CABINET APPROVES PUNJAB RURAL DEVELOPMENT (AMENDMENT) ORDINANCE, 2022


·        MOVE AIMS TO STRENGTHEN RURAL MANDIS INFRASTRUCTURE AND PROVIDE EFFICIENT PROCUREMENT SYSTEM TO FARMERS

 

ग्रामीण मंडियों के बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने और किसानों को कुशल खरीद प्रणाली मुहैया करवाने के उद्देश्य से लिया फैसला


इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़: ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मज़बूत बनाने और किसानों के लिए आधुनिक खरीद प्रणाली लागू करने के उद्देश्य से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने आज पंजाब ग्रामीण विकास (संशोधन) अध्यादेश-2022 को मंजूरी दे दी है।

 

यह निर्णय आज सुबह मुख्यमंत्री कार्यालय में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान लिया गया। इसके नतीजे के तौर पर भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा 24 फरवरी, 2020 को निर्धारित संशोधित नियमों के अनुरूप पंजाब ग्रामीण विकास अधिनियम-1987 में संशोधित किया गया है।

 

गौरतलब है कि भारत सरकार ने 23 अक्टूबर, 2020 को अपने पत्र के द्वारा खरीफ की फ़सल के मंडीकरण सीजन (के.एम.एस.), 2020 के लिए अस्थायी लागत शीट (पी.सी.एस.) भेजी थी, जिसमें आधिकारित बकाए के तौर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ग्रामीण विकास फंड (आर.डी.एफ.) की तीन प्रतिशत दर को शामिल नहीं किया गया था।  हालाँकि, पी.सी.एस. के मुताबिक ‘‘राज्य द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य से कटौतियों से सम्बन्धित मामले और खरीद केंद्र के विकास के उद्देश्य के लिए ग्रामीण विकास फीस का प्रयोग जांच अधीन है।

मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता के अनुसार आर.डी.एफ. को विभिन्न उद्देश्यों/गतिविधियों के लिए ख़र्च किया जाएगा, जिनमें मंडियों/खरीद केन्द्रों तक संपर्क सडक़ों का निर्माण या मरम्मत और स्ट्रीट लाईटें लगाना, जिससे किसानों को उनकी उपज की ढुलाई के योग्य बनाया जा सकेगा, नई मंडियों/खरीद केन्द्रों का निर्माण/विकास और पुरानी मंडियों/कच्ची फडियां/खरीद केन्द्रों का विकास, पीने वाले पानी की आपूर्ति की व्यवस्था और मंडियों/खरीद केन्द्रों में साफ़-सफ़ाई में सुधार करना, खरीद कार्यों से जुड़े किसानों और मज़दूरों के लिए अच्छी सुविधाओं से लैस विश्राम गृह/रैन बसेरा/शैड मुहैया करवाना शामिल है।

इसी तरह ग्रामीण विकास फंड खऱीदे गए स्टॉक को भंडार करने के लिए मंडियों में स्टोरेज सुविधाएं बढ़ाने के लिए खर्च किया जाएगा, जिससे राज्य में खरीद और मंडीकरण प्रणाली को और मज़बूत किया जा सके, कजऱ्े के बोझ के नीचे दबे राज्य के किसानों को राहत प्रदान करना, जिससे दबाव अधीन बिक्री की किसी भी संभावना को ख़त्म किया जा सके। मंडी या राज्य स्तर पर फ़सल की खरीद या ज़मीनी रिकॉर्ड, फ़सल के सर्वेक्षण, किसानों की कम्प्यूट्रीकृत पहचान के साथ सम्बन्धित हार्डवेयर/सॉफ्टवेयर का विकास करना, जो पारदर्शिता को और बेहतर बनाने के साथ-साथ खरीद गतिविधियों को भी आसान बना सकता है।

इसी तरह कम्प्यूट्राईजड़ इलेक्ट्रॉनिक वेटब्रिज, वजन से सम्बन्धित सुविधाएं, गुणवत्ता जांच उपकरण, मंडी/खरीद केन्द्रों में सुविधाओं की जाँच-पड़ताल और इसका ई-खरीद विधि के साथ एकीकरण के अलावा सफ़ाई, छंटनी, सुकाना, अनाज की गुणवत्ता का अध्ययन, छोटे शिपिंग सायलोज़, बारदाना और सिलाई की सुविधाओं समेत मंडियों को स्व-चलित और मशीनीकरण से लैस करना शामिल है। इस कदम से मंडियों/खरीद कार्यों को मज़बूत किया जा सकता है।

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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