COMPULSORY RETIREMENT FOR THREE I.P.S OFFICER OF UP
लखनऊः अपने पद पर रहते हुए गंभीर अनियमितता पाए जाने के आरोप में यूपी के आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर सहित तीन आईपीएस अफसरों को मंगलवार को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई। तीनों ही अफसरों को सरकारी सेवा के लिए अनुपयुक्त पाया गया है। यह फैसला गृह मंत्रालय द्वारा स्क्रीनिंग के बाद लिया गया। बता दें कि आईपीएस अमिताभ ठाकुर ( आईजी रूल्स एवं मैनुअल) के खिलाफ कई तरह की जांच चल रही थी। सेवानिवृत्त होने वाले अन्य अफसरों में राजेश कृष्ण (सेना नायक 10 बटालियन बाराबंकी) व राकेश शंकर ( डीआईजी स्थापना) भी हैं। राजेश कृष्ण का आज़मगढ़ में पुलिस भर्ती में घोटाले में नाम आया था। वहीं, देवरिया शेल्टर होम प्रकरण में आईपीएस राकेश शंकर की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी।
सरकार को अक्सर ही अपनी हरकतों से असहज करने वाले आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार के रिपोर्ट कार्ड पर समय पूर्व सेवानिवृत्त कर दिया है। केंद्र ने विशेष प्रविधानों का इस्तेमाल करते हुए उनके तथा दो अन्य आइपीएस अफसरों के खिलाफ यह कार्रवाई की है। अखिल भारतीय पुलिस सेवा से जबरिया रिटायर किए गए अमिताभ ठाकुर ने इसके बाद एक ट्वीट भी किया है।
अमिताभ ठाकुर को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई
उत्तर प्रदेश में आईजी रूल्स एंड मैन्युअल के पद पर कार्यरत अमिताभ ठाकुर को आइपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई। अमिताभ ठाकुर को लोकहित में सेवा में बनाये रखे जाने के उपयुक्त न पाते हुए लोकहित में तात्कालिक प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पूर्व सेवानिवृत किये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद अमिताभ ठाकुर ने एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि मुझे अभी-अभी वीआरएस (लोकहित में सेवानिवृति) आदेश प्राप्त हुआ। सरकार को अब मेरी सेवाएं नहीं चाहिये, जय हिन्द।
इस संबंध में 17 मार्च 2021 का भारत सरकार के ग़ृह मंत्रालय की तरफ से आदेश जारी हुआ कि अमिताभ ठाकुर लोकहित में सेवा में बनाए रखे जाने के उपयुक्त नहीं हैं। इस आदेश के क्रम में अब प्रदेश के गृह विभाग की तरफ से उन्हें जबरन रिटायर करने का आदेश जारी हो गया है। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी के आदेश के अनुसार गृह मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के 17 मार्च 2021 के आदेश द्वारा अमिताभ ठाकुर, आईपीएस, आरआर-1992 को लोकहित में सेवा में बनाए रखे जाने के उपयुक्त न पाते हुए अखिल भारतीय सेवाएं (डीसीआरबी) नियमावली-1958 के नियम-16 के उपनियम 3 के अंतर्गत लोकहित में तत्काल प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पहले सेवानिवृत्त किए जाने का निर्णय लिया गया है।
आदेश में अपर मुख्य सचिव ने आगे लिखा है कि गृह मंत्रालय के आदेश के क्रम में राज्यपाल नियमानुसार अमिताभ ठाकुर को लोकहित में तत्काल प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पूर्व सेवानिवृत्त करने और उनको तीन महीने के उनके वेतन और भत्तों के बराबर की धनराशि, जो उनकी सेवानिवृत्ति के ठीक पहले उनके द्वारा अहरित की जा रही धनराशि के समान दर पर आगणित कर दिए जाने के निर्देश देते हैं।