` आरबीआई का तोहफाः RTGS और NEFT करने पर नहीं लगेगा शुल्क

आरबीआई का तोहफाः RTGS और NEFT करने पर नहीं लगेगा शुल्क

RBI gift : No charges levy on RTGS and NEFT share via Whatsapp

RBI gift : No charges levy on RTGS and NEFT


बिजनेस डेस्कः
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आम जनता को राहत का  तोहफा देते हुए फंड ट्रांसफर करने पर सभी तरह के लगने वाले चार्ज को हटाने का फैसला किया है। रेपो रेट में कमी करने के बाद यह फैसला भी आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा नीति ने लिया है। डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई ने यह कदम उठाया है। आरबीआई जल्द ही बैंकों से यह फैसला लागू करने के लिए कहेगा। हाल ही में केंद्रीय बैंक ने आरटीजीएस का समय बढ़ाया कर शाम के छह बजे तक कर दिया था। इस सुविधा को जल्द ही 24 घंटे के लिए लागू किया जा सकता है। अभी ज्यादातर बैंक रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) और नेशनल इलेक्ट्रिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) करने पर ग्राहकों से चार्ज वसूलते हैं। ऐसे में ग्राहकों के खाते से अतिरिक्त राशि कटती है। हालांकि अब आरबीआई के फैसले को बैंकों को मानना पड़ेगा, जिसका फायदा ग्राहकों को मिलेगा।

एसबीआई में लगता है 50 रुपये तक चार्ज

देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई में एनईएफटी करने वाले ग्राहकों को 2.5 रुपये से लेकर के 50 रुपये तक का अतिरिक्त चार्ज देना होता है। बैंक 10 हजार रुपये तक 2.5 रुपये, 10 हजार से एक लाख रुपये तक पांच रुपये, एक से दो लाख रुपये तक 15 रुपये और दो लाख रुपये से अधिक के फंड ट्रांसफर पर 25 रुपये चार्ज लेता है। वहीं आरटीजीएस में दो लाख से लेकर के पांच लाख रुपये पर इंटरनेट बैंकिंग चार्ज पांच रुपये और बैंक शाखा में 25 रुपये है। पांच लाख रुपये से ऊपर 10 रुपये इंटरनेट बैंकिंग शुल्क और 50 रुपये बैंक शाखा में लगते हैं। इन सभी शुल्क पर 18 फीसदी जीएसटी भी अतरिक्त देय है। आरटीजीएस सोमवार से लेकर के शनिवार (दूसरा व चौथा शनिवार छोड़कर) बैंक की शाखा या फिर इंटरनेट बैंकिंग के जरिए किया जा सकता है। एसबीआई के अलावा अन्य सरकारी और निजी बैंकों में भी इसी तरह का चार्ज का लगता है। बैंक ने कहा है कि जहां एक तरफ स्मार्टफोन का प्रयोग करने वालों की संख्या बढ़ी है, वहीं फीचर फोन का इस्तेमाल करने वाले लोग भी कम नहीं हैं। ऐसे में उनको भी तेज गति वाली भुगतान प्रणाली से जोड़ना होगा, जिस पर काफी काम किया जाना बाकी है।

 विजन

रिजर्व बैंक को उम्मीद है कि दिसंबर 2021 तक देश में डिजिटल माध्यमों से होने वाला लेनदेन चार गुना से भी अधिक बढ़कर 8,707 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। रिजर्व बैंक ने ‘‘भारत में भुगतान और निपटान प्रणाली: विजन 2019- 2021’’ दस्तावेज को जारी करते हुये देश में ई- भुगतान के अनुभव को बेहतर बनाने और उच्च डिजिटल और कम नकदी वाला समाज बनाने की दिशा में यह कदम उठाया है। आरबीआई ने कहा है कि एनईएफटी का समय बढ़ाने से पहले इसका परीक्षण करना जरूरी है। अभी एनईएफटी दो घंटे के अंतराल पर बैंकिंग समय के दौरान होता है। यह सुविधा रविवार और शनिवार के अवकाश के दिन बंद रहती है। इसके अलावा जिस दिन बैंक का अवकाश रहता है, उस दिन भी नहीं होता है।

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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