वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यूएस की रक्षा कंपनी लॉकहीड मार्टिन एफ-16 कॉम्बैट जेट के उत्पादन को भारत में शुरू करने के प्रस्ताव पर दोबारा विचार करना चाहते हैं। ओबामा शासनकाल में भारत से हुए समझौते के तहत लॉकहीड मार्टिन भारत में एफ-16 जेट का उत्पादन जल्द शुरू करने वाली है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की ओर से एफ-16 जेट के ऑर्डर कम होने के चलते कंपनी अब अपने टेक्सास स्थित प्लांट में जॉइंट स्ट्राइक फाइटर एफ-35 का प्रॉडक्शन शुरू करना चाहती है, जिसकी अमेरिकी एयरफोर्स को जरूरत है। दूसरी तरफ कंपनी एफ-16 जेट का उत्पादन भारत में करना चाहती है। भारत सरकार ने कंपनी को इस कई सौ जेट विमानों के ऑर्डर देने पर सहमति जताई है। भारतीय एयरफोर्स को इन जेट विमानों की खासी जरूरत बताई है। विश्लषकों के मुताबिक आगामी दशकों में भारत सरकार रक्षा आधुनिकीकरण पर 250 अरब डॉलर खर्च करने की तैयारी में है। ऐसे में एफ-16 की भारत में मैन्युफैक्चरिंग पर रोक से बोइंग, नॉर्थरॉप और अन्य कई कंपनियों के साथ हुईं डिफेंस डील्स भी प्रभावित हो सकती हैं। कारोबारी ने नेता बने ट्रंप अक्सर उन अमेरिकी कंपनियों की आलोचना करते रहे हैं जो अपनी अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट अमेरिका से बाहर ले जा रही हैं और बाद में अमेरिका को ही प्रॉडक्ट्स बेचती हैं। राष्ट्रपति पद पर काबिज होने के बाद ट्रंप ने ऑटोमेकर्स से लेकर फार्मास्युटिकल्स कंपनियों तक को अमेरिकी में ही उत्पादन करने को कहा है। हालांकि लॉकहीड मार्टिन भारत में एफ-16 जेट उत्पादन करेगी, लेकिन उसकी अमेरिका में इन्हें बेचने की कोई योजना नहीं है।