केंद्र सरकार ने 4.29 करोड़ की दी मंजूरी; पढ़ें कहां खर्च होगी ये रकम
केंद्र सरकार ने पंजाब स्टेट पीडब्ल्यूडी को भेजा एप्रूवल लेटर
इंडिया न्यूज सेंटर, चंडीगढ़ः जालंधर नगर निगम भाजपा के मेयर सुनील ज्योति की मेहनत रंग ला रही है। मेहनत रंग भी क्यों न लाएगी पंजाब में भाजपा को अपना बेस बनाने के लिए जनता का कुछ तो काम करना पडेगा। एेसे में जब पंजाब में कांग्रेस की सरकार हो और मेयर भाजपा को हो तो उनके पास एक ही विकल्प बचता है, मदद केंद्र सरकार से ली जाए। मदद लेना वाजिब भी है मेयर साहब को पंजाब से तो कोई मदद मिलने से रही,एेसे में मेयर सुनील ज्योति ने कपूरथला लोगों की सहानुभुती लेने के लिए केंद्रीय मंत्री व पंजाब भाजपा के प्रधान विजय सांपला के साथ नीतीन गड़करी से मिलकर कपूरथला रोड़ को बनवाने के लिए गुहार लगाई थी। गहकरी साहब ने भी सांपला व मेयर की अर्जी को मंजूर करते हुए केंद्र सरकार ने कपूरथला रोड के लिए 4.29 करोड़ रुपए की मंजूरी प्रदान कर दी है। इस संबंध में मिनि्ट्री आॅफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज ने पंजाब स्टेट पीडब्ल्यूडी को लेटर भेजकर एप्रूवल भी दे दिया है। बताते है कि पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भाजपा प्रधान विजय सांपला के साथ मुलाकात की थी। तब उन्होंने कपूरथला रोड की स्टेट्स बताई थी। नितिन गडकरी ने कपूरथला रोड के लिए फंड जारी करने के आदेश दिए थे। अब केंद्रीय मंत्रालय ने स्टेट पीडब्ल्य़ूडी को चिट्ठी भेजकर 4.29 करोड़ रुपए की मंजूरी दे दी है।
कैप्टन ने वैस्ट से विधायक सुशील रिंकु के साथ का धरना दिया था
मेयर सुनील ज्योति ने बताया कि कपूरथला रोड अगले महीने से बनने लगेगी। क्योंकि अभी मौसम ठीक नहीं है। इसलिए अगस्त से कपूरथला रोड का निर्माण शुरू किया जाएगा। बता दें कि इस रोड को बनवाने के लिए विधानसभा चुनाव से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने धरना दिया था। तब कौंसलर रहे (अब विधायक) सुशील रिंकू ने भी कैप्टन के साथ धरना दिया। कांग्रेस सरकार बनने के बाद विधायक सुशील रिंकू ने बिजली मंत्री राणा गुरजीत सिंह के साथ कपूरथला रोड का मुआयना कर 15 दिन में काम शुरू करने का आश्वासन दिया था, लेकिन रोड का काम शुरू नहीं हुआ। जिससे मेयर सुनील ज्योति ने सीधे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर भाजपा ने गेम अपने पाले में कर ली है। चलो अब सड़क को कांग्रेस सरकार बनाए या भाजपा मेयर सुनील ज्योति बनवाए विकास तो शहर का ही हो रहा है। अगर यही सोच आज से दस साल पहले रखी होती तो शहर तस्वीर ही कुछ और होती।