` कोयला घोटालाः पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता समेत 3 अधिकारियों को सजा, जमानत मिली

कोयला घोटालाः पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता समेत 3 अधिकारियों को सजा, जमानत मिली

former Secretary of the Coal Ministry HC Gupta, former Joint Secretary KS Crofha and former director to 3 years in jail share via Whatsapp

former Secretary of the Coal Ministry HC Gupta, former Joint Secretary KS Crofha and former director to 3 years in jail

नेशनल डेस्कः
दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने कोयला घोटाले के एक मामले में सजा की घोषणा कर दी है। स्पेशल सीबीआई जज भारत पराशर ने भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश रचने के मामले में कोयला मंत्रालय के पूर्व सचिव एचसी गुप्ता, पूर्व संयुक्त सचिव केएस क्रोफा और पू्र्व निदेशक को 3 साल की सजा सुनाई है।  हालांकि बाद में तीनों सरकारी कर्मचारियों को अदालत से एक-एक लाख के मुचलके पर ज़मानत दे दी गई है। अदालत ने तीनों पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया है। वहीं निजी कंपनी विकास मेटल्स एंड पावर लिमिटेड के प्रमोटर विकाश पटनी और उनके सहयोगी आनंद मलिक को 4 साल की सजा सुनाई है। विकास मेटल्स एंड पावर लिमिटेड कंपनी को पश्चिम बंगाल स्थित मोरिया और मधुजोड़ (उत्तर व दक्षिण) में स्थित कोयला खदानों का नियमों के विपरीत जाकर आवंटन किया था। इस मामले में सीबीआई ने सितंबर 2012 में केस दर्ज किया था।फैसला सुनाने के बाद सभी पांच लोगों को हिरासत में ले लिया गया है। इससे पहले पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई ने सभी दोषियों को अधिकतम सजा देने की अपील की थी। भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश रचने के मामले में अधिकतम सजा 7 साल है। सीबीआई ने अदालत से यह भी कहा था कि दोषियों ने हर प्रयास किया था कि गवाह अदालत तक न पहुंच पाए। राष्ट्र हित में देखे तो 1 लाख 86 हज़ार करोड़ का नुकसान का अनुमान लगाया गया था। प्रवर्तन निदेशालय( ईडी) ने भी मामले में जांच की थी। सीबीआई ने कोर्ट से ये भी कहा था कि कोयला घोटाले की गंभीरता को इससे आंका जा सकता है कि सीबीआई ने इसमें 55 एफआईआर दर्ज किया था। बहरहाल सभी दोषियों ने कोर्ट से कम से कम सजा देने की मांग की थी। दोषियों ने कोर्ट से कहा था कि 1 लाख 86 हज़ार करोड़ के नुकसान का अनुमान गलत है, क्योंकि उन्होंने खदान का लीज नहीं दिया था। आज भी कोयला खदान सरकार के पास है। पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता ने कोर्ट से ये भी गुजारिश की उनको कम से कम सजा दी जाए, क्योंकि वो बीमार रहते हैं और अपने घर मे अकेले कमाने वाले हैं। उनके बच्चे अभी भी पढ़ाई कर रहे हैं, वहीं निजी कंपनी विकास मेटल्स एंड पावर लिमिटेड के प्रमोटर विकाश पटनी ने कोर्ट से अपील की कि उनके कंपनी पर जुर्माना कम से कम लगाया जाए क्योंकि कंपनी घाटे में चल रही है। मुकदमा दर्ज होने के बाद से कंपनी पर वित्तीय संकट मंडराने लगा था।

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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