ग्रेडिंग सिस्टम शुरु किया गया था पिछले वर्ष
पहले नंबर आया दक्षिण पूर्वी रेलवे
तीसरे नबंर पर रहा नार्दन रेलवे
इंडिया न्यूज सेंटर,जालंधरः भारतीय रेल की कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए अब रेलवे में ग्रेडिंग सिस्टम शुरु किया गया है। रेल मंत्रालय रेलवे के 16 जोनों को उनके काम के आधार पर ग्रेडिंग दी जाएगी। ग्रेडिंग के आधार पर उस जोन के वरिष्ठ अधिकारियों का प्रमोशन और इक्रीमेंट तय होगा। रेलवे को उम्मीद है कि इससे वरिष्ठ अधिकारियों की कार्यप्रणाली में सुधार आएगा और वो अच्छा काम करने के लिए प्रेरित होंगे। इस सिस्टम के शुरु होने से रेलवे विभाग में कामकाज में भी सुधार आने की उम्मीद है। रेल मंत्रालय द्वारा रेटिंग सिस्टम बीते साल शुरु किया गया था। अप्रैल से दिसंबर 2016 तक की रेटिंग में पहले दक्षिण पूर्वी रेलवे अव्वल नंबर पर रहा। इसका मुख्यालय कोलकाता में है। जबकि अंतिम पायदान पर रहा उत्तर पूर्वी रेलवे जिसका मुख्यालय यूपी के गोरखपुर में है। खास बात ये है कि उत्तर रेलवे, जिसका मुख्यालय दिल्ली में रेलवे बोर्ड के ऑफिस से कुछ दूरी पर ही है वो इस सूची में तीसरे पायदान पर रहा। सबसे अहैम बात यह है कि रेलवे का उत्तर रेलवे का प्रधान कार्यालय नई दिल्ली में है। उत्तर रेलवे में पोस्टिंग को लेकर हर अधिकारी एडी चोटी का जोर लगाता है। उसके बाद भी उत्तर रेलवे तीसरे स्थान पर आया है।
key performance indicators
रेल मंत्री सुरेश प्रभु के नेतृत्व में रेलवे का अप्रग्रेडिंग सिस्टम भी प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों की तरह हो गया है। सलन इसके वरिष्ठ अधिकारियों का इक्रीमेंट और प्रमोशन इस बात पर निर्भर करे कि उनके नेतृत्व में उनके जोन ने कितना बेहतर काम किया और कितना राजस्व कमाया। इसके अलावा इस पर भी निगाह रहे कि ट्रेनों की आवाजाही कितने समय से रही।रैकिंग की यह व्यवस्था key performance indicators के तहत 17 प्रमुख बिंदूओं पर आधारित है। जिसमें रेलवे परिचालन और वित्तीय सुधार के साथ साथ सामान ढोने की क्षमता और सवारियों की आवाजाही पर अधिकारियों की जवाबदेही और तरक्की तय होगी। KPI को अधिकारियों के सालाना अप्रेजल का हिस्सा बनाया जाएगा। जिसमें रेलवे के महाप्रबंधक, डिविजनल रेलवे मैनेजर और जोनल हेड का इक्रीमेंट और प्रमोशन KPI में मिले अंकों के आधार पर ही होगा। जोनल और डिविजन इकाइयों को नए साल के लक्ष्य के बारे में बता दिया गया है। जिसके बाद सभी जोन के वरिष्ठ अधिकारी अपने अपने काम में जुट गए हैं।