China Revealed: In coronavirus due to liver failure, doctors' skin color changed
अंतरराष्ट्रीय न्यूज़:चीन के वुहान में कोरोना के मरीजों का इलाज करने के दौरान दो डॉक्टर यी फैन और हू वाइफैंग भी इस महामारी से संक्रमित हो गए। कोविड-19 की वजह से इन डॉक्टर के लिवर तो खराब हुए ही लेकिन एक अजीब सा असर इनकी त्वचा पर देखने को मिला है। दोनों डॉक्टर की त्वचा का रंग काला पड़ गया है। हालांकि दोनों डॉक्टर की हालत में पहले से सुधार है। इनकी देखभाल मैं जुटे हुए डॉक्टरों का कहना है कि उनकी त्वचा का रंग हार्मोन्स में बदलाव की वजह से काला हुआ है। हालांकि डॉक्टर हू वाइफैंग कोरोना संक्रमण की जानकारी देने वाली टीम के सदस्य रहे हैं। डॉ. यी फैन और हु वाइफैंग को 18 जनवरी को अस्पताल में भर्ती किया गया था। यी फैन हृदयरोग विशेषज्ञ हैं और उन्होंने 39 दिनों में ही महामारी कोरोना को मात दे दी थी। हालांकि इस बीच उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था।
डॉक्टर यी ने स्पष्ट किया कि वो पहले से काफी ज्यादा बेहतर हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वह बिस्तर पर आसानी से हिल तो सकते हैं लेकिन खुद से चलने में अभी दिक्कत का सामना करना पढ़ रहा है। उन्होंने मीडिया को साफ शब्दों में स्पष्ट किया कि कोरोना बेहद खतरनाक बीमारी है, जब उन्हें कोरोना संक्रमण के बारे में पता चला तो वे काफी डर गए थे।
डॉक्टर यी फैन का कहना है कि कोरोना से लड़ने के लिए वे मनोवैज्ञानिक तरीके अपनाने लगे हैं। उन्होंने दूसरे डॉक्टरों को अपनी काउंसलिंग के लिए भी कहा है। अब डॉक्टर यी अब सामान्य वार्ड में हैं। हालांकि डॉ. हु वाइफैंग की हालत अभी उतनी ठीक नहीं है। डॉ. हु यूरोलॉजिस्ट हैं और 99 दिनों से बिस्तर पर हैं। उन्हें आईसीयू में रखा गया है, वे उसी अस्पताल में हैं जहां डॉक्टर हु को भर्ती किया गया है। डॉक्टर ली को संदेह है कि इन दोनों डॉक्टरों की त्वचा का रंग इलाज के शुरुआत में दी जाने वाली दवाइयों की वजह से काला पड़ा है।
उनका यह भी मानना है कि जैसे ही इन दोनों डॉक्टर के लिवर ठीक हो जाएंगे शायद दोनों की त्वचा का रंग भी ठीक हो जाएगा।