` जेटली से मीटिंग करके पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा सीमा कर्ज अवधि बढ़ाने पर ज़ोर धान की पराली को न जलाने के लिए रियायतेंं देने की मांग दोहराई

जेटली से मीटिंग करके पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा सीमा कर्ज अवधि बढ़ाने पर ज़ोर धान की पराली को न जलाने के लिए रियायतेंं देने की मांग दोहराई

PUNJAB CM MEETS JAITLEY TO PRESS FOR ENHANCEMENT IN BORROWING LIMIT. share via Whatsapp

जी.एस.टी. के लिए दो स्लैब बनाने की मंग

इंडिया न्यूज सेंटर,नई दिल्ली:  पंजाब के मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से सोमवार देर रात्रि एक मीटिंग करके सूबे की हद कर्ज सीमा बढ़ाने के लिए आज्ञा दिए जाने के लिए ज़ोर डाला है ताकि किसानों के दो लाख रुपए तक दे कर्जे माफ करने के लिए आवश्यक 9500 करोड़ रुपए के फंड पैदा किये जा सकें। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कर्ज सीमा 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.5 प्रतिशत करने की अपनी विनती फिर दोहराई है जिससे सूबा सरकार छोटे और सीमांत किसानों के कर्जे माफ करने और वित्तीय सहायता देने के लिए प्रक्रिया को तेज़ कर सके। पंजाब सरकार पांच एकड़ तक के किसानों के दो लाख रुपए तक के कर्जे माफ करने और छोटे और सीमांत किसानों को दो लाख रुपए की एकमुश्त राहत देने के लिए नोटिफिकेशन जारी करने के लिए पूरी तरह तैयार है। मीटिंग की विस्तृत जानकारी देते हुए आज यहां मुख्य मंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने धान की पराली न जलाने के बदले किसानों को रियायतों देने की मांग फिर दोहराई है। धान की पराली जलाऩे के नतीजे के तौर पर वातावरण पर पडऩे वाले बुरे प्रभाव पर गहरी चिंता प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने पराली  प्रबंधन करने के लिए किसानों को प्रति क्विंटल 100 रुपए के हिसाब से मुआवज़ा दिए जाने की वित्त मंत्री से अपील की है। मुख्यमंत्री ने मीटिंग दौरान जी.एस.टी. का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि इससे व्यापारी और कारोबारी भाईचारे को बहुत मुश्किलेंं पेश आ रही हैं। उन्होंने वित्त मंत्री को जी.एस.टी. की प्रक्रिया को सरल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि इसी कारण सूबा सरकार को भी वित्तीय समस्याएं पेश आ रही हैं क्योंकि केंद्र की तरफ से जी.एस.टी. के भुगतान को जारी करने में देरी हो रही है।  कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जी.एस.टी. की दरों का सरलीकरण करने का सुझाव देते हुए कहा कि इन की 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो सलैबें निर्धारित करनीं चाहिए। उन्होंने जी.एस.टी. की स्लैब घटाने के जेटली के बयान का स्वागत किया और कहा कि इस प्रक्रिया को ढांचागत करके और भी सरल  बनाया जाये। मुख्यमंत्री ने नयी टैकस प्रणाली को आसान बनाने के लिए जेटली पर ज़ोर डाला और सुझाव दिया कि छोटे डीलरों के लिए एक तिमाही रिटर्न की आज्ञा दी जाये। मुख्यमंत्री के ‘निल’ रिटर्न के सरलीकरण की भी बात कही और कहा कि इसको ओर तर्कसंगत और दुरुसत बनाया जाये।

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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