उधोग की तरक्की के लिए बेहतर माहौल सृजन के लिए मुख्य सचिव को दिशा-निर्देश जारी करने की हिदायत
इंडिया न्यूज न्यूज सेंटर,चंडीगढ़ः भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर सहन न करने और व्यापार एवं उधोेग के लिए बराबर अवसर पैदा करने को यकीनी बनाने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने ट्रक यूनियनों को ख़त्म करने संबंधी सरकार का फ़ैसला वापस लेने की संभावना को पुन: रद्द कर दिया है। राज्य सरकार द्वारा बनाई जा रही नया प्रारूप औद्योगिक नीति संबंधी विभिन्न लोगों के साथ विचार-विमर्श दौरान मुख्य मंत्री ने उनको भरोसा दिलाया कि नयी नीति को अंतिम रूप देने से पहले उद्योगपत्तियों के सभी पक्षों को विचारा जायेगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ‘सब से पहले व्यापार’ के सिद्धांत पर पहरा देगी और कारोबार और उद्योग को शिखरों पर ले जाने के लिए मददगार की भूमिका अदा करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार व्यापारिक गतिविधियों को आसान बनाने का माहौल सृजन करने के लिए पंजाब को अव्वल सूबा बनाने के लिए वचनबद्ध है। उधोग की सभी मांगों और मसलों को हमदर्दी के साथ विचार करने का वायदा करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार नई नीति मौजूदा और नये उधोगों को सुखद माहौल मुहैया करवाएगी।भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर सहन न करने के लिए अपनी सरकार की वचनबद्धता को दोहराते हुये मुख्य मंत्री ने मुख्य सचिव को मौजूदा और नये सभी उद्योग के लिए निर्विघ्न काम करने वाले माहौल को यकीनी बनाने के उद्धेश्य से विभागों को ज़रूरी हिदायतें जारी करने के निर्देश दिये। मुख्य मंत्री ने चेतावनी दी कि यदि भ्रष्टाचार का कोई मामला सामने आ गया तो उस के साथ सख्ती के साथ निपटा जायेगा। मीटिंग दौरान सी.आई.आई. के चेयरमैन एस.पी. ओसवाल ने मुख्यमंत्री की तरफ से पांच रुपए प्रति यूनिट बिजली देने और ट्रक यूनियनों को ख़त्म करने के ऐतिहासिक फ़ैसले लेने के लिए उनका धन्यवाद किया जिनके साथ सूबे में औद्योगिक तरक्की की रफ़्तार तेज़ होगी। भ्भू-जल का स्तर घटने का प्रभाव कपड़ा उधोग पर पडऩे पर चिंता का व्यक्त करते हुये उन्होंने हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर प्रांतीय भूमिगत जल अाथॉरटी बनाने के लिए मुख्यमंत्री के दख़ल की मांग की। उधोगपतियों ने अलग-अलग मसले उठाए जिनमें नयी नीति में कृषि और बौद्धिक जायदाद अधिकार को शामिल करने, सूबे में सभी फोकल पुआइंटों के लिए सी.एल.यू. नीति और सीमावर्ती जिलों के लिए रियायती स्कीम को बहाल करने की मांग की जो कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान शुरू की थी परंतु अकाली-भाजपा सरकार ने बंद कर दी थी। उधोगपतियों ने शाल और जूतियों को जी.एस.टी. के घेरे में बाहर निकालने की मांग भी उठाई जबकि स्टील उद्योग के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को मंडी गोविंद गढ़ के बीमार ईकाईयों को सृजित करने के लिए तुरंत कदम उठाने की अपील की जिनको पिछली अकाली-भाजपा सरकार की बुरी नीतियों के कारण मजबूरन अपना काम बंद करना पड़ा था। मीटिंग में स्वास्थय मंत्री ब्रह्म महिंदरा, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, बिजली मंत्री राणा गुरजीत सिंह, स्थानीय निकाय संबंधी मंत्री नवजोत सिद्धू, तकनीकी शिक्षा मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी, मुख्य मंत्री के सीनियर सलाहकार लैफ. जनरल (सेवा -निवृत) टी.एस. शेरगिल्ल, मुख्य मंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्य सचिव करन अवतार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्थानीय निकाय सतीश चंद्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास एम.पी. सिंह, अधिक मुख्य सचिव आवास और शहरी विकास विन्नी महाजन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह और सचिव उद्योग राकेश वर्मा उपस्थित थे।