इंडिया न्यूज सेंटर, अमृतसर:
शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेेटी (एसजीपीसी) की कार्यकाारिणी की अगली अहम बैठक 21 अप्रैल को फतेहगढ़ साहिब में होगी। बताया जा रहा हैकि इस बैठक में तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरमुख सिंह को पद से हटाया जा सकता है। ध्यान रहे कि ज्ञानी गुरमुख सिंह ने ज्ञानी गुरमुख सिंह की तरफ से डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख को माफी देने के मामले मेें बागी सुरअपनाए हुए हैं।
उन्होंने कहाकि डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के माफी मामले मेें एक पत्रकार बड़े सियासतदान की चिट्ठी लेकर आए थे लेकिन उनका नाम दबाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अकाली दल के एक वरिष्ठ नेता के कहने पर ही यह कार्यवाही हुई थी। बादलों ने डेरा सच्चा सौदा के मुखी के सामने हाजरी लगाई थी लेेेकिन उन्हें अकाल तख्त पर नहीं बुलाया गया। यह पंथक मर्यादा की सरासर उल्लंघना है। यह सब सियासी दवाब मेें हुआ है और बलि का बकरा उन्हें बनाया जा रहा है। ज्ञानी गुरमुख सिंह ने कहा कि उन्हें पंथक सेवा के लिए पद से हटाया जाता है तो उन्हें कोई गिला नहीं। वह झूठ का साथ कभी नहीं देंगे। पंथक मर्यादा के खिलाफ वह कभी नहीं जाएंगे। ऐसे अहम फैसले बंद कमरे में करने के बजाय तख्त पर होने चाहिए। पूर्व जत्थेदार भाई रंजीत सिंह के समय महत्पूर्ण मामलों की सुनवाई तख्त पर होती थी। उनके अनुसार राजनीतिक दखल के कारण सिखों की धार्मिक संस्था को ठेस लगी है । सच तो यह है कि धर्म राजनीति से ऊपर है। ज्ञातव्य है कि विधानसभा चुनाव में डेरा सच्चा सौदा से वोट मांगने के मामले में एसजीपीसी ने कल चालीस सिख नेताओं को तनखैया घोषित किया ।