विधान सभा में पेश करने के लिए लेखा अनुदान व अनपूर्क मांगों को स्वीकृति
इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़ः पंजाब मंत्री मंडल के विरासती खातों के निपटारे के लिए लंबित पड़े कैश क्रेडिट लिमट का मुद्दा (सीसीएल) भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) व भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पास पहल के आधार पर उठाने का निर्णय किया है। उक्त फैसला मुख्यमंत्री मंत्री की अध्यक्षता में मंत्री मंडल की हुई मीटिंग में लिया गया। मंत्री मंडल ने राज्य की वित्तीय दशा के मध्यनजर ज्यादातर जनहित के लिए कैश क्रेडिट लिमट का मुद्दा केन्द्र सरकार के साथ साथ आरबीआई व एसबीआई के पास उठाने का निर्णय भी किया है। यह जानकारी देते हुए आज यहां पंजाब सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि पिछली अकाली सरकार से भारी कर्जे की विरासत मिली है, जिसको केन्द्र के समक्ष सरगर्मी के साथ रखा जाएगा। मुख्यमंत्री पिछले एक सप्ताह से केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेतली को मिले थे और राज्य में समय पर बिना किसी रुकाबट के गेंहू की खरीद के लिए केन्द्र सरकार से 20,683 करोड़ रुपए की कैश क्रेडिट लिमिट शीघ्र जारी करने व अधिकारिक करने की मांग की थी। राज्य में ग्रेंहू की खरीद 1 अप्रैल से शुरू होगी। सोमवार को हुई मीटिंग में मंत्री मंडल ने चल रहे विधान सभा के समागम में वर्ष 2016-17 में पेश की जाने वाली अनूपूर्क मांगों को स्वीकृति दे दी है। मंत्री मंडल ने विधान सभा मे वर्ष 2017-18 के लिए लेखा अनुदान पेश करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दे दी है।