` पिम्स में ब्लड ट्रांसफ्यूजन पर सीएमई का आयोजन

पिम्स में ब्लड ट्रांसफ्यूजन पर सीएमई का आयोजन

Conducting CME on Blood Transfusion in Pims share via Whatsapp

पिम्स में ब्लड ट्रांसफ्यूजन पर सीएमई में बोले डाक्टर, दुनिया भर में रक्तदान सेवाएं किसी भी स्वास्थ्य प्रणाली का महत्वपूर्ण अंग

मुख्य अतिथ सिविल सर्जन डा. मनिंदर मिन्हास ने किया शुभारंभ


इंडिया न्यूज सेंटर,जालंधरः
पंजाब इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंसिस (पिम्स) में ट्रांसफ्यूजन ऑफ मेडिसन विभाग की ओर से आज सीएमई का आयोजन किया गया।जिसका विषय अपडेट ऑनसेफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन सर्विस था। समारोह का आगाज जालंधर के मुख्यातिथि सिविल सर्जन मनिंदर मिन्हास, पिम्स के रेजिडेंट डायरेक्टर डा.कंवलजीत सिंह, डायरेक्टर प्रिंसीपल डा.कुलबीर कौर, पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी की एडिशनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर डा.मनप्रीत छतवाल, पीएमसी के डा. कपिल गुप्ता ने द्वीप जलाकर किया।
रेजिडेंट डायरेक्टर डा.कंवलजीत सिंह ने कहा कि दुनिया भर में रक्तदान सेवाएं किसी भी स्वास्थ्य प्रणाली का महत्वपूर्ण अंग है। मरीजों को रक्तदान करते समय होने वाली गलत प्रतिक्रियाओं और रक्त से फैलने वाली बिमारियों की रोकथाम के लिए सबसे सुरक्षित रक्त मरीज तक पहुंचाना बहुत अहम है। उन्होंनेे बताया कि पिम्स के ब्लड बैंक में अत्याधुनिक ब्लड कंपोनेंट की सुविधा भी है। शुरुआती दौर में एक साथ दो मरीजों केप्लेट लेट्स लिए जाते हैं और आगे चलकर प्लेट लेट्स की मशीनों में इजाफा भी किया जाएगा। उन्हों ने बताया कि ब्लड ट्रांसफ्यूजन क्षेत्र में भी पिम्स बुलंदियों को छू रहा है।
डायरेक्टर प्रिंसीपल डा.कुलबीर कौर जो कि ब्लड ट्रांसफ्यूजन विभाग की प्रमुख भी हैं और इन्हें इस क्षेत्र में 35 साल से अधिक का तर्जुबा भी है नेजानकारी दी कि रक्त सुरक्षा ब्लड ट्रांसफ्यूजन प्रक्रिया का आधार है। रक्त मरीजों को दी जाने वाली जीवन रक्षक दवाइयों में से एक है।ट्रांसफ्यूजन मेडिसन के क्षेत्र में तेजी से हो रहे विकास से खुद को अपडेट करने के लिए पिम्स की ओर से सीएमई का आयोजन किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि पिछले तीन-चार दशकों में ब्लड ट्रांसफ्यूजन प्रक्रिया में कई बदलाव हुए हैं। उन्होंने बयाया कि पहले की तुलना में ब्लड ट्रांसफ्यूजन प्रक्रिया काफी सुरक्षित हो गई है, लेकिन अभी भी कोई भी विशेषज्ञ रक्त की सुरक्षा के प्रति सौ प्रतिशत गारंटी नहीं लेता। उन्होंने कहा कि आज की सीएमई का उद्देश्य इस क्षेत्र के विशेषज्ञों के अनुभवों को जानने, उपलब्धा और रक्त सुरक्षा के बारे में प्रचार करना है और इसके साथ ही यह भी बताना है कि यह प्रक्रिया कम लागत में भी जरूरतमंदों तक पहुंच सकती है। जालंधर की सिविल सर्जन डा. मनिंदर मिन्हास ने कहा कि कीमती जानों को बचाने के लिए सुरक्षित ब्लड ट्रांसफ्यूजन प्रक्रिया को अमल में लाना बहुत जरूरी है। पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी की एडिशनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर डा. मनप्रीत छतवाल ने जानकारी दी कि नई नीतियों के तहत जैसे नेशनल प्लाजमा पॉलिसी और रक्त के थोक स्थानांतरण के तहत रक्त को बेकार होने से रोका जा सकता है।यह रक्त और इसके तत्वों की मौजूदगी को सुनिश्चित करता है। स्टेट ड्रग कंट्रोलर प्रदीप मट्टू ने इस अवसर पर कहा कि हाल ही में ड्रग और कास्मेटिक अधिनियम के तहत हुए बदलाव में चेरिटेबल और अस्पतालों को रक्तदान शिविरों का आयोजन की अनुमति प्रदान की गई है। समारोह में पिम्स के वाइस प्रिंसीपल डा. राजीव अरोड़ा, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. कुलबीर शर्मा व अन्य विभागों के डाक्टरों, एमबीबीएस के विद्यार्थियों और दिल्ली व अन्य राज्यों से डाक्टरों ने भाग लिया।

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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