Big news: Masks, gloves and PPE kits can be a threat, read on ....
नेशनल न्यूज डेस्क: चीन के वुहान से निकला जानलेवा कोरोना वायरस दुनिया भर में कहर बरपा रहा है। इस महामारी से निपटने के लिए कोई भी देश अब तक तोड़ नहीं निकाल पाया है। इस बीच अब इसका कचरा भी लोगों के लिए खतरा पैदा करने लगा है। दरअसल, कोविड-19 से बचने के लिए लोग मास्क, ग्लव्स और किट्स का इस्तेमाल करते हैं और उन्हें फेंक देते हैं, यही कोरोना कचरा समुद्र तक पहुंचकर खतरा पैदा कर रहा है।
द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस का यह कचरा इंसानों के साथ-साथ जानवरों के लिए भी बड़ा खतरा बन सकता है। बहकर समुद्र में पहुंचने के बाद जलीय जीवों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। रिपोर्ट में बताया गया कि कोरोना का यूज वेस्ट लंबे समय तक नष्ट नहीं होगा। कार्बन के इन पॉलीमर की उम्र 450 साल से ज्यादा होती है, जो प्लास्टिक की तरह सैकड़ों सालों तक पर्यावरण के लिए खतरा बन सकते हैं। पर्यावरण के संरक्षणवादियों ने चेतावनी दी है कि कोरोना महामारी समुद्र के प्रदूषण को बढ़ा सकती है। प्लास्टिक कचरा समुद्री जीवों के लिए खतरा बन सकता है। उन्होंने कहा कि पानी में तैरते हुए डिस्पोजेबल मास्क और ग्लव्स को समुद्र की मछलियां अपना खाना समझ रही हैं। इससे समुद्र को प्रदूषण का नुकसान भी हो रहा है। दुनिया भर के कई देशों से ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जहां समुद्र के तटों पर कोरोना कचरा देखा गया है।
खुले में मास्क और ग्लव्स फेंकने पर फ्रांस ने लगाई पाबंदी
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में हर महीने कोविड-19 से बचने के लिए मेडिकल स्टाफ को करीब 8 करोड़ ग्लव्ज, 16 लाख मेडिकल गॉगल्स के साथ 9 करोड़ मेडिकल मास्क की जरूरत पड़ रही है। इसमें सिर्फ आधिकारिक मेडिकल स्टाफ के आंकड़े शामिल हैं। हालांकि, कुछ ऐसे देश भी हैं, जो कोरोना वेस्ट को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांस ने अपने यहां इस्तेमाल किए फेस मास्क, ग्लव्ज और ऐसी ही चीजों को खुले में फेंकने पर सख्त पाबंदी लगाई है।