Big news: 75% marks in 12th is not necessary for admission to IIT, IIT admission relaxation, new rule
12वीं कक्षा में 75 फीसदी अंक और टॉप 20 पर्सेटाइल की अनिवार्यता हटाई
ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड के प्रस्ताव को सरकार की 2020 के सत्र के लिए मंजूरी
एजुकेशन डेस्क: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के बीटेक प्रोग्राम में दाखिले की योग्यता अब जेईई एडवांस क्वालिफाइड और सिर्फ 12वीं पास रहेगी। कोरोना महामारी के चलते आईआईटी की ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड (जैब) ने शैक्षणिक सत्र-2020 के दाखिला नियमों में बदलाव किया है। इस साल 12वीं कक्षा में मेरिट के अनिवार्य नियम को हटाया जा रहा है।
अभी तक मेरिट नियम के तहत आईआईटी में दाखिले के लिए 12वीं में न्यूनतम 75 फीसदी अंक या क्वॉलीफाई करने वाली परीक्षा की रैंकिंग में टॉप 20 पर्सेंटाइल होना जरूरी होता था। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। निशंक की अध्यक्षता में शुक्रवार को आईआईटी में दाखिले को लेकर जैब की बैठक हुई। इसमें आईआईटी में दाखिले के नियमों में बदलाव किया गया है। कोविड-19 के चलते सीबीएसई बोर्ड समेत प्रदेश शिक्षा बोर्ड ने 12वीं बोर्ड कक्षा का असेसमेंट से रिजल्ट तैयार किया है।
इसमें बोर्ड के प्रस्ताव को सरकार ने एक साल के लिए मंजूरी दे दी है। अब जेईई मेन परीक्षा के टॉप ढाई लाख छात्र जेईई एडवांस देंगे। इसमें से जेईई एडवांस क्वालीफाई करने वाले ऐसे छात्र जो 12वीं कक्षा में पास हुए होंगे, उनको मेरिट के आधार पर सीट मिलेंगी।
कई छात्र दाखिले से हो जाते थे वंचित
इससे पहले जेईई एडवांस क्वालीफाई करने के साथ-साथ दाखिले के दौरान 12वीं कक्षा में 75 फीसदी अंकों के साथ-साथ टॉप 20 पर्सेंटाइल होने की जांच होती थी। कई छात्र जेईई एडवांस क्वॉलिफाई कर जाते थे, लेकिन 12वीं कक्षा पास होने की अनिवार्य योग्यता न होने के चलते आईआईटी और एनआईटी में दाखिले से वंचित रह जाते थे।