इंडिया न्यूज सेंटर, नोएडा। अखलाक मर्डर केस में लुक्सर जेल में बंद आरोपी रविन की डेडबॉडी जेलर से परमीशन के बाद बुधवार रात करीब सवा नौ बजे उसके गांव बिसाहड़ा पहुंची। इसके बाद हर तरफ मातम और रोने की आवाज ही सुनाई दे रही थी। ग्रामीणों में काफी ज्यादा गुस्सा है, जिसे देखते हुए गांव में भारी पुलिसफोर्स तैनात है। रविन के परिजनों से मिलने पहुंची साध्वी प्राची ने कहा कि सरकार को पीडि़त परिजनों की मांग को पूरा करना चाहिए। मांग पूरी न होने तक अंतिम संस्कार नहीं होगा। रविन के शव को परिजनों ने फ्रीजर कॉफिन में रखा है। गांव में रवीन को शहीद का दर्जा देते हुए उसका शव तिरंगे में लपेट दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि रविन की मौत नहीं हुई है, बल्कि उसने गांव के इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ी है। उसकी शहादत बेकार नहीं जाएगी। उसे तभी मुखाग्नि दी जाएगी, जब अखलाक के भाई जान मोहम्मद की गिरफ्तारी होगी। ग्रामीणों ने मांग की कि रविन के परिवार को 1 करोड़ रुपए का मुआवजा और परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।