टोक्यो: भारत के हाथ परमाणु शक्ति के क्षेत्र में बड़ी सफलता लगी है। भारत और जापान के बीच ऐतिहासिक परमाणु समझौता हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री के शिंजे आबे की मौजूदगी में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। समझौते के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और जापान की रणनीतिक साझेदारी से समाज में शांति और समाज में समानता आएगा। भारत और जापान एक साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ लडऩे के लिए तैयार हैं। जापान ने भारत की एनएसजी में पूर्ण सदस्यता के लिए पूर्ण समर्थन का ऐलान किया है। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने साझा प्रेस वार्ता में इसका ऐलान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत जापानी बौद्ध धर्म की प्रसिद्ध उक्ति इचिगो इचि से की। इसका अर्थ होता है- एक अवसर, एक मुलाकात: प्रत्येक मुलाकात खास है, हमें उन सभी पलों को सहेज कर रखना चाहिए। भारत और जापान आतंकवाद के खतरे और सीमा पार से आतंकवाद से निपटने के लिए एकजुट और दृढसंकल्प हैं। इस समझौते के तहत दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय आर्थिक और सुरक्षा संबंधों के बढ़ावा मिलेगा और विदेश में स्थित कंपनियों को भारत में परमाणु संयंत्र स्थापित करने में सहूलियत मिलेगी। मार्च 2016 से हमने भारत आने वाले जापान के लोगों के लिए वीजा की सुविधाओं को आसान कर दिया है। इसके साथ ही बिजनेस वर्ग के लिए वीजा की अवधि दस साल के लिए बढ़ा दी गई है। हमारी सामरिक साझेदारी न केवल हमारे समाज की सुरक्षा और अच्छे के लिए है बल्कि इससे इस क्षेत्र में शांति, स्थिरता और संतुलन भी आएगा। दोनों देशों के बीच बार बार हो रही बातचीत हमारे अभियान, गतिशीलता और संबंधों की गहराई को दर्शाता है।