इंडिया न्यूज सेंटर,भुवनेश्वरः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों के परिणामों को लोगों के जाति धर्म संप्रदाय से उठकर विकास के एजेंडे पर आगे बढ़ने के रूप में लिया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि के साथ अपने अपने साढ़े तीन लाख कार्यकर्ताओं के माध्यम से देश के सभी घरों से संपर्क करने की रणनीति बनायी है। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पारित राजनीतिक प्रस्ताव के बारे में चर्चा करते हुए वरिष्ठ पार्टी नेता एवं केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यहां संवाददाताओं को यह जानकारी दी। श्री जावड़ेकर ने बताया कि पं. दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशती के मौके पर देश के सभी घरों से संपर्क किया जायेगा। दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती महासंपर्क अभियान के लिये एक पंफलेट तैयार किया गया है जिसे देश के प्रत्येक घर में पहुंचाया जायेगा। साढ़े तीन लाख से अधिक कार्यकर्ता इस महासंपर्क अभियान में भाग लेंगे। केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के अनुसार दीन दयाल उपाध्याय जन्मशती वर्ष में काम करने के लिये कार्यकर्ताओं से समय देने का आग्रह किया गया था। अब तक 2470 कार्यकर्ताओंं ने एक वर्ष, 1441 लोगों ने छह माह तथा तीन लाख 78 हजार कार्यकर्ताओं ने 15 दिन काम करने की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक प्रस्ताव में देश के समूचे राजनीतिक परिदृश्य पर विचार किया गया है जिनमें मुख्य रूप से पांच मुद्दे उभर कर आये हैं। हाल ही में संपन्न पांच राज्यों के चुनाव परिणामाें की समीक्षा करते हुए कहा गया कि मणिपुर में 2012 में भाजपा को दो प्रतिशत मिले थे जबकि इस बार उसे 36 प्रतिशत वोट मिले हैं। इसी प्रकार से अन्य राज्यों के परिणाम रहे। प्रस्ताव में महाराष्ट्र एवं ओडिशा के पंचायत चुनावों के परिणाम सहित सभी नतीजों का विश्लेषण करते हुए कहा गया कि लोगों ने जाति धर्म एवं संप्रदाय से ऊपर उठ कर विकास के लिये वोट दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीबों के मन में एक विश्वसनीय छवि हासिल की है। जावड़ेकर ने कहा कि गरीबी हटाओ का कांग्रेस का एजेंडा अब भाजपा के पास आ गया है। 2014 में भाजपा को उम्मीद का वोट मिला था जो अब भरोसे के वोट में बदल गया है। लोकसभा चुनाव में पार्टी को उत्तर प्रदेश में जितने वोट मिले थे, वे विधानसभा चुनावों में भी बरकरार रहे हैं। क्योंकि सरकार ने लोगों को परिणाम दिया है। प्रस्ताव में नोटबंदी और कालेधन के विरुद्ध उठाये गये कदमों की सराहना करते हुए कहा गया कि सरकार के कदमों एवं उसकी मंशा को जनता ने समझा पर विपक्ष नहीं समझ सका। गरीब कल्याण के लिये 24 करोड़ से अधिक जनधन खाते, 112 करोड़ आधार नंबर और 108 करोड़ मोबाइल फोन के उपयोग से डिजीटल अर्थव्यवस्था के लिये उपयोग हो सकता है। हम नकदी आधारित समाज से कम नकदी वाले समाज में बदल सकते हैं। कर चोरी करने वाले समाज की जगह कर देने वाले समाज में बदल सकते हैं।