` मुख्यमंत्री द्वारा टीकाकरण रणनीति की समीक्षा की माँग, राज्यों को अपने ख़ुद की रणनीतियां तैयार करने के लिए छूट देने कि की वकालत

मुख्यमंत्री द्वारा टीकाकरण रणनीति की समीक्षा की माँग, राज्यों को अपने ख़ुद की रणनीतियां तैयार करने के लिए छूट देने कि की वकालत

PUNJAB CM SEEKS REVIEW OF VACCINE STRATEGY share via Whatsapp

PUNJAB CM SEEKS REVIEW OF VACCINE STRATEGY,CALLS FOR FLEXIBILITY FOR STATES TO DEVISE OWN LOCAL STRATEGIES

वर्चुअल मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, 45 वर्ष से कम जिगर और गुर्दां के मरीज़ों को टीकाकरण के अंतर्गत लाने की अपील

समूह उम्र वर्गों ख़ासकर ज़्यादा खतरे वाले इलाकों में नौजवानों को टीकाकरण के अंतर्गत लाने की भी की माँग, प्रधानमंत्री को कोविड के मुकाबले के लिए उठाए जा रहे कदमों से करवाया अवगत

इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़ः पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गुरूवार को केंद्र सरकार से अपील की कि राज्यों को कोविड टीकाकरण संबंधी स्थानीय स्तर पर अपने ख़ुद की रणनीतियां तैयार करने की छूट दी जाये जोकि केंद्र द्वारा इस संबंधी अपनाए जा रहे मापदण्डों का ही हिस्सा होगा। उन्होंने केंद्र सरकार को अपनी रणनीति की फिर से समीक्षा करने के लिए कहते हुए ज़्यादा खतरे वाले इलाकों में सभी बालिग़ों और 45 वर्ष से कम उम्र के जिगर और गुर्दां की बीमारी से पीड़ित मरीज़ों को भी टीकाकरण के अंतर्गत लाने की माँग की।

 

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने यह सुझाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वर्चुअल मीटिंग के तुरंत बाद लिखे गए एक पत्र में प्रकट किये। यह मीटिंग समूह राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोविड और टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा करने के लिए की गई थी। मीटिंग दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राज्य की स्थिति से अवगत करवाया और राज्य सरकार द्वारा इस बीमारी पर नकेल कसने के लिए उठाए जा रहे कदमों बारे भी बताया। मीटिंग दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी उपस्थित रहे जिस दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को राज्य सरकार द्वारा कोविड की रोकथाम के लिए हर संभव और पुरज़ोर कोशिश किये जाने बारे भरोसा दिया। मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि राज्य में कोविड की दूसरी लहर दौरान यू.के. का वायरस भारी पड़ रहा है और माहिरों की रिपोर्टों के अनुसार यह बहुत ही घातक और ख़ासकर नौजवानों की सेहत पर हानिकारक प्रभाव डालने वाला है।

 

बाद में लिखे अपने पत्र जिसके कुछ सुझाव 17 मार्च को प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को सौंपे पत्र का भी हिस्सा थे, में मुख्यमंत्री के सुझाव राज्य सरकार की स्वतंत्र माहिरों के साथ की चर्चा पर आधारित थी।

कुछ राज्यों में टीकाकरण की कमी का सामना की रिपोर्टों के चलते कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री से अपील की कि पुष्ट सप्लाई आर्डर्स के आधार पर राज्यों के साथ अगली तिमाही में वैक्सीन की सप्लाई का प्रोग्राम साझा किया जाये।

 

केंद्रीय लैबोरेटरियों की पहली रिपोर्टों के अनुसार पंजाब में पाए जाते पाजिटिव मामलों में से 80 प्रतिशत से अधिक यू.के. स्ट्रेन के साथ संबंधित होने बारे बताते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य में वायरल लड़ी को मज़बूत करने की बात कही। पिछले 15 दिनों से 8 प्रतिशत पाज़िटिवटी दर के साथ रोज़ाना 3000 केस रिपोर्ट हो रहे हैं। राज्य में मौजूदा समय में 26000 के करीब एक्टिव केस हैं और रिकवरी दर 87.3 प्रतिशत है। दूसरे शिखर में रोज़ाना मृतकों की संख्या 50 से 60 है जो कि 2 प्रतिशत मृत्युदर के करीब है। दूसरा शिखर राज्य में इस साल फरवरी के आधे के बाद शुरू हुआ।

 

मुख्यमंत्री ने अपनी अपील को दोहराते हुए कहा कि सभी शैक्षिक संस्थाओं के सभी अध्यापकों और स्टाफ को टीकाकरण में कवर किया जाये जिससे कोविड के शिखर के ख़ात्मे के बाद फिजिकल क्लासें फिर से शुरू करने के योग्य बनाया जा सके। उन्होंने जजों और जुडिशियल अफसरों, बसों चालकों और कंडक्टरों, सभी स्तर के चुने हुए नुमायंदों आदि को पेशा आधारित टीकाकरण के लिए आज्ञा देने पर भी ज़ोर दिया। 

 

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने प्रधानमंत्री के सामने आईसर, इंमटैक, एम्ज़ बठिंडा और पी.जी.आई. चण्डीगढ़ जैसी केंद्रीय संस्थाओं को पंजाब से आर.टी.-पी.सी.आर. टेस्टिंग बढ़ाने के लिए निर्देश देने की अपील भी की। इसके अलावा पी.जी.आई. चण्डीगढ़ को कहना चाहिए कि राज्य द्वारा रैफर किये मरीज़ों के लिए कम से -कम 50 कोविड बैड तैयशुदा किये जाएँ।

 

इससे पहले मुख्यमंत्री ने वर्चुअल मीटिंग के दौरान प्रधानमंत्री को कहा कि मौजूदा समय में 55 प्रतिशत स्वास्थ्य संभाल वर्कर्स और करीब 90 प्रतिशत फ्रंटलाईन वर्करों को टीकाकरण की पहली डोज़ लग गई है। उन्होंने कहा कि 45 साल से अधिक उम्र के 8.9 लाख लोगों के पहला टीका लग गया है। रोज़मर्रा के टीकाकरण में मध्य मार्च में 20000 प्रति दिन के आंकड़े से बढ़कर यह संख्या अब 85-90 हज़ार के करीब प्रति दिन तक पहुँच गई है। 3 अप्रैल को यह शिखर पर था जब 1.32 लाख लोगों ने टीका लगवाया। उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत तक 2 लाख प्रति दिन का लक्ष्य रखा गया है।

 

उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि कोविड और टीकाकरण के प्रति संकोच संबंधी झूठे प्रचार को रोकने के लिए मिशन फतह के द्वारा बड़े स्तर पर सोशल मीडिया मुहिम चलाई जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि पी.एच.सी. स्तर की सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य संभाल संस्थाओं कोविड टीकाकरण केंद्र के तौर पर काम कर रही हैं जिससे लोग अपने नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र में इस सुविधा का फ़ायदा उठा सकें। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं द्वारा हफ्ते के सातों दिन टीकाकरण की सुविधा दी जा रही है जबकि अन्य प्राईवेट अस्पतालों को भी कोविड टीकाकरण केंद्र के तौर पर काम करने के लिए उत्साहित किया जा रहा है।

राज्य में टेस्टिंग के कुल आंकड़े साझा करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि रोज़मर्रा की 40000 टैस्ट (कल 44250) किये जा रहे हैं जिनमें से 90 प्रतिशत से अधिक आर.टी. -पी.सी.आर. और 10 प्रतिशत से कम रैपिड एंटीजन हैं। पंजाब की प्रति मिलियन टेस्टिंग दर राष्ट्रीय औसत की अपेक्षा अधिक है और अब इसको रोज़ाना 50000 टैस्ट तक बढ़ाया जा रहा है।

 

इलाज की सहूलतों बारे खुलासा करते हुए उन्होंने बताया कि स्तर-2 और स्तर-3 पर भरे बैडों की मौजूदा स्थिति 15 से 20 प्रतिशत के बीच है। राज्य के माहिरों के ग्रुप द्वारा रोज़ाना शाम साढ़े सात बजे कोविड मरीज़ों के प्रभावशाली प्रबंधन के लिए सरकारी और प्राईवेट अस्पतालों में स्तर-2 और स्तर-3 प्रबंधों की समीक्षा की जाती है। प्राईवेट अस्पतालों को इस स्तर के मरीज़ों के प्रबंधन के लिए चुनिंदा ऑपरेशन दो हफ़्तों के लिए टालने की सलाह दी गई है जिससे कोविड मरीज़ों के लिए और बैडों का प्रबंध किया जा सके।

 

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मरीज़ों को लाने-लेजाने के लिए 25 एडवांस्ड लाईफ़ स्पोर्ट और 300 बेसिक लाईफ़ स्पोर्ट ऐंबूलैंसें उपलब्ध हैं। राज्य में पिछले एक साल दौरान लगभग 4000 मैडीकल और पैरा मैडीकल कर्मचारियों ने काम किया है। उन्होंने कहा कि कोविड के मरीज़ों के प्रबंधन के लिए ज़रूरी दवाएँ और वस्तुओं की अपेक्षित उपलब्धता है जिस में रीमेडेसिविर इंजेक्शन और अन्य एंटी-वायरल दवाएँ भी शामिल हैं।

 

कोविड के फिर से उभार के कारणों बारे जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने मीटिंग में बताया कि इसका मुख्य कारण कोविड संबंधी उचित व्यवहार अपनाने में कोताही या लापरवाही, बड़े राजनैतिक, सामाजिक और धार्मिक जलसे, और स्कूलों या कॉलेजों को खोल कर सामान्य स्थिति बनाने की कोशिशें शामिल हैं। उन्होंने बताया कि कम आबादी में और ज्यादा पाज़िटिवटी देखी जा रही है।

 

अपनी सरकार द्वारा महामारी के फैलाव पर रोक लगाने के लिए उठाए कदमों बारे बताते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि 30 अप्रैल तक राजनैतिक जलसों पर पूर्ण पाबंदी लगाई गई है और साथ ही सभी जिलों में रात को 9 बजे से प्रातःकाल 5 बजे तक कर्फ़्यू लगाया गया है। बाहरी और अंदरूनी सामाजिक जलसों और सिनेमा हॉल और मॉलों में लोगों की संख्या पर पाबंदी लगाई गई है जबकि सभी शैक्षिक संस्थाओं और आंगनबाड़ी केंद्र बंद कर दिए गए हैं और स्कूल परीक्षाएं स्थगित कर दीं गई हैं।

 

मास्क न पहनने वाले व्यक्तियों को आर.टी -पी.सी.आर. टैस्ट करवाना लाज़िमी कर दिया गया है और पुलिस द्वारा ऐसे 2 लाख व्यक्तियों का आर.टी. -पी.सी.आर. टैस्ट करवाया गया, 43000 व्यक्तियों के चालान किये गए, 250 से अधिक व्यक्ति गिरफ़्तार किये गए और उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध 200 से अधिक एफ.आई.आर दर्ज की गई।

 

उन्होंने आगे कहा कि होटलों, रैस्टोरैंटों और मैरिज पैलेसों में कोविड संबंधी निर्धारित व्यवहार और सावधानियों को यकीनी बनाने के लिए कोविड रखवालों की नियुक्ति की गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि टीका न लगवाने वाले स्वास्थ्य संभाल कर्मचारियों की सुरक्षा और आम लोगों की सुरक्षा के लिए ऐसे सभी कर्मचारियों को लाज़िमी तौर पर जांच करवाने के लिए कहा जा रहा है।

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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