पैरिसः यूरोपीय संघ के समर्थक और मध्यमार्गी इमैनुएल मैक्रों ने फ्रांस के ऐतिहासिक राष्ट्रपति चुनाव को जीतकर सबसे युवा राष्ट्रपति बन गए हैं। इस जीत के साथ ही 39 वर्षीय पूर्व बैंकर मैक्रों ने अपने चुनाव प्रचार में वादा किया था कि वह देश की बिगड़ी हुई अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करेंगे और देश को मान बढ़ाएंगे।शुरूआती आंकड़े बताते हैं कि मैक्रों ने 65.5 फीसदी से 66.1 फीसदी बैलट समर्थन से जीत दर्ज की है जबकि ली पेन को 33.9 फीसदी से 34.5 फीसदी का बैलट समर्थन ही मिल पाया। तीन साल पहले तक कोई नहीं जानता था कि मैक्रों यूरोप के सबसे शक्तिशाली नेताओं में से एक हो जाएंगे।
मैक्रों ने फ्रांस एवं यूरोएजेंसी/ पेरिसपीय संघ के लिए उसी समय से अपना राजनीतिक और आर्थिक सुधार का महत्वाकांक्षी एजेंडा शुरू कर दिया था। इस परिणाम का पूरी दुनिया खासकर ब्रुसेल्स और बर्लिन के नेताओं के लिए दूरगामी असर होगा क्योंकि ली पेन ईयू विरोधी और वैश्वीकरण विरोधी कार्यक्रम से ये नेता घबराए हुए थे। चुनाव प्रचार के दौरान धुर दक्षिणपंथी ली पेन ने मैक्रों को मुक्त व्यापार तथा प्रवासियों का हिमायती बताते हुए‘ग्लोबलिस्ट’ करार दिया था। इमैनुएल मैक्रों एक साल पहले बनी ‘एन मार्क’ पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, वहीं ली पेन ‘नेशनल फ्रंट’ पार्टी की उम्मीदवार थीं।