इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगड़: कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार द्वारा नई औद्योगिक नीति का एलान किये जाने से निवेशकों द्वारा पंजाब में निवेश करने में रूचि दिखानी शुरू कर दी है। गुडग़ांव आधारित वरुण बैवरेजिज़ कंपनी ने पठानकोट में 500 करोड़ रुपए की लागत से से पीने वाला पानी और सॉफ्ट ड्रिंकज़ का यूनिट स्थापित करने का प्रस्ताव पेश किया है। ग्रुप ने मांग की है कि सीमावर्ती क्षेत्र में निवेश करने वाले अग्रणीय यूनिट का दर्जा दिया जाये जहां वह अपने प्रस्तावित पीने वाले पदार्थों जिसमें सोडा, जूस आधारित पदार्थों का प्रोजेक्ट स्थापित कर सकें। यह प्रोजैकट पठानकोट में पंजाब लघु औद्योगिक निर्यात निगम द्वारा विकसित किये औद्योगिक एस्टेट में स्थापित किया जाना है। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस ग्रुप द्वारा मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार को सौंपी रिपोर्ट में बताया गया कि तीन पड़ावों में 350 लोगों को सीधा रोजग़ार और अन्य 1500 लोगों को अप्रत्यक्ष तौर पर रोजग़ार हासिल होगा। मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार ने अपेक्षित कार्यवाही के लिए यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंप दिया है। कंपनी के सी.ई.ओ राजीव संत ने केवल सीमावर्ती क्षेत्र में अग्रणीय होने के दर्जे के लिए सूबा सरकार के समर्थन की मांग करते हुये कहा कि यह प्रोजेक्ट पंजाब लघु औद्योगिक निर्यात निगम की एस्टेट में अपनी किस्म का पहला प्रोजेक्ट है। उन्होंने बताया कि इससे न सिफऱ् बडे स्तर पर रोजग़ार की अथाह संभावनाएं पैदा होंगी बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से 27 किलोमीटर स्थित केवल सीमावर्ती क्षेत्र में और निवेश आकर्षित करने के लिए भी यह प्रोजेक्ट सहायक होगा। यह प्रोजैकट नयी औद्योगिक नीति मुताबिक सीमावर्ती जोन में यूनिट स्थापित करने की पहल है। इस मुताबिक कंपनी को कैटागरी (जिस में 100 प्रतिशत एस.जी.एस.टी का फिर भुगतान जो कि एफ.सी.आई के 125 प्रतिशत तक है) से 140 प्रतिशत के हिसाब के साथ रियायतों मिलने योग्य होंगी जिससे यह कंपनी वर्ष 2019 में अपने अगले सीज़न के लिए समय सिर निर्माण को तुरंत शुरू करने के योग्य हो जायेगी।
अपने प्रस्ताव में कंपनी ने कहा कि अधिकतर कच्चा माल स्थानीय स्तर पर खरीदा जायेगा जिससे चीनी, नीबू जाति के फलों के उतपादक ों और स्थानीय कारख़ाने दारों के इलावा माल की पैकिंग और सप्लाई को प्रौतसाहन मिलेगा। प्रोजैकट अनुसार योग्य उम्मीदवारों को सूबे में नये आउूटलैटस खोलने के लिए ठंडा करने वाली 10 हज़ार मशीनों मुहैया करवाई जाएंगी जिससे 10 हज़ार परिवारों का जीवन निर्वाह होगा। इस के अलावा प्रोजैकट मुताबिक यातायात और अन्य अपेक्षित योजनाबंदी के मद्देनजऱ माल की ढुलाई के साधनों का हब भी बनेगा। इसी तरह पठानकोट पलांट में प्रस्तावित हुनर विकास केंद्र का प्रशिक्षण भी दिया जायेगा जहां पीज़ा हट /के.एफ.सी. /कोस्टा कॉफी देशभर में स्थित आउूटलैटस के लिए प्रत्येक वर्ष 500 -750 लोगों को हुनरमंद बनाया जायेगा। यह प्रोजैकट प्रिटिंग, पैकेजिंग, बोतलों को रीसाईकल करने और अतिथि सत्कार जैसे सहायक औद्योगिक यूनिट भी विकसित होंगे। प्रस्ताव अनुसार एफ.सी.आई के समय या कीमत के एक बार दायरे अधीन आने से सूबे को पूरी जी.एस.टी. और अन्य बनते करों की कमाई होनी शुरू हो जायेगी।