STOP TELLING ME HOW TO RULE MY STATE, CAPT AMARINDER TO SUKHBIR BADAL
SAYS SUKHBIR’S STIFLING ‘CONTROL’ OF BUREAUCRACY & POLICE HAD RUINED PUNJAB
MANPREET ALSO LASHES OUT AT SAD CHIEF FOR MORTGAGING STATE’S FUTURE TO GENERATE FUNDS
शासन चलाने के लिए मुझे नसीहतों की ज़रूरत नहीं-कैप्टन अमरिंदर सिंह का सुखबीर बादल को करारा जवाब
सुखबीर द्वारा अफसरशाही और पुलिस को कंट्रोल करने से पंजाब को बर्बादी का मुंह देखना पड़ा
फंडों के कारण राज्य का भविष्य गिरवी रखने के लिए मनप्रीत बादल अकाली दल के प्रधान पर खूब बरसे
इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उनके काम की शैली पर शिरोमणी अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल की हास्यस्पद और बेतुकी बयानबाज़ी पर सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उनको पूर्व उप-मुख्यमंत्री से सबक लेने की ज़रूरत नहीं है जिसने अकाली-भाजपा के 10 वर्षों के शासन के दौरान दुषप्रबंधों से राज्य का बेड़ा गरक कर दिया। आज यहां जारी किये एक बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल शासन पक्ष से बुरी तरह नाकाम सिद्ध हुआ, जिसका प्रमाण पिछली सरकार के समय राज्य में फैली अंधेरगर्दी से मिलता है, जिसके कारण अकाली दल के प्रधान को किसी के शासन चलाने के ढंग पर किंतु परंतु करने का कोई हक नहीं है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि सुखबीर का बयान बिल्कुल बेतूका है, जिससे पंजाब के राजनैतिक धरातल छिन जाने से अकाली दल की निराशा के कारण उसमें पैदा हुई बेचैनी के अलावा और कुछ नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुखबीर को इस बात की चिंता नहीं करनी चाहिए कि उसका (कैप्टन अमरिंदर) कंट्रोल नहीं है या कम है बल्कि उसे अकाली दल पर अपनी पकड़ कमज़ोर होने के अलावा पंजाब के राजनैतिक पृष्ठभूमि छिने जाने की चिंता करनी चाहिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि बादलों के नेतृत्व वाले अकालियों के उलट वह अपने सिविल और पुलिस प्रशासन को बिना किसी भय या पक्षपात के कुशलता के साथ फज़ऱ् निभाने के लिए छुट देने में विश्वास रखते हैं जिससे वह सरकार की नीतियों और वायदों को प्रभावी ढंग से लागू कर सकें। उन्होंने कहा कि बादलों द्वारा अफसरशाही और पुलिस अफसरों को पूरी तरह दबा कर रखा गया था। यदि सुखबीर उस तरह के ‘कंट्रोल ’ की बात कर रहा है तो उनको इस तरह के कंट्रोल वाले शासन को लागू न करने पर ख़ुशी और मान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि उन्होंने पुलिस को खुली छुट न दी होती तो राज्य में गैंग्स्टरों की गुंडागर्दी, सुनियोजित कत्ल करने और बेअदबी की घटनाओ पर रोक न थी लगनी, जिन घटनाओं ने अकालियों के शासन के दौरान राज्य की कानून-व्यवस्था तहस-नहस कर दी थी। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि इस समय अफसरशाही पूरी पारदर्शिता के साथ काम कर रही है जबकि अकाली -भाजपा के 10 वर्षों के लम्बे शासन के दौरान ऐसा करने की इजाज़त नहीं थी। उन्होंने अफसरशाही की तरफ से विभिन्न सरकारी योजनाओं को सफलतापूर्वक अमल में लाने का भी जि़क्र किया। मुख्यमंत्री ने सुखबीर बादल को नवजोत सिंह सिद्धू केस में सुप्रीम कोर्ट के आगे पंजाब सरकार के अपने पहले स्टैंड से पीछे हटने के लिए एक भी कानूनी तरकीब बताने की चुनौती भी दी। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि ऐसे झूठे और झूठ -प्रचार फैलाने में वक्त बर्बाद करने की बजाय सुखबीर को अकाली दल की सहयोगी भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के आगे पंजाब के हितों की रक्षा के लिए ज़ोर -अज़माइश करनी चाहिए। इसी दौरान वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने भी सुखबीर बादल को राज्य के वित्तीय हालत संबंधी कोरा झूठ बोल कर पंजाब के लोगों को गुमराह करने के लिए कड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि बादल फंड का बंदोबस्त वित्तीय प्रबंधन और राजस्व पैदा करके नहीं बल्कि राज्य की सम्पत्ति गहने रख कर करते थे। मनप्रीत बादल ने कहा कि अकालियों ने सिर्फ राज्य की सम्पत्तियों ही नहीं बल्कि आने वाली पीडिय़ों का भविष्य भी गहने रख दिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि अकालियों ने हर संभव ढंग से पंजाब और इसके हित बेच दिए जिससे पंजाब के पल्ले 2.08 लाख करोड़ रुपए के कर्जे का बोझ डाल दिया। मनप्रीत बादल ने कहा कि पंजाब के लोगों के पास से माफी मांगने या राज्य को फिर राह पर लाने के लिए कांग्रेस सरकार के यत्नों के समर्थन की कोशिश करने बजाय सुखबीर बादल अभी भी ग़ैर-जिम्मेदराना रवैया अपना रहे हैं। सुखबीर द्वारा उन को ‘नकली बादल ’ कहने पर मनप्रीत बादल ने कहा कि ‘बादल ’ नाम सुखबीर की मालकी नहीं है बल्कि यह नाम पंजाब और पंजाबियों के साथ हुए बुरे कामों का समान अर्थ बन गया और इसके लिए वह (सुखबीर) और उसका परिवार जि़म्मेदार है।