` सड़क से सत्ता में आने की तैयारी, गडकरी का तूफानी दौरा

सड़क से सत्ता में आने की तैयारी, गडकरी का तूफानी दौरा

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इंडिया न्यूज सेंटर, लखनऊ। यूपी में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी राजपरिवार के घमासान में फंसी है तो वहीं बीजेपी केंद्र सरकार की ताबड़तोड़ परियोजनाओं का ऐलान कर वोटरों को लुभाने में जुट गई है. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी चुनावों की घोषणा से पहले राज्य में सत्तर से भी ज्यादा संसदीय क्षेत्रों में योजनाओं का शिलान्यास कर देंगे. बीजेपी यूपी में सड़क से सत्ता में पहुंचना चाहती है. सड़क के निर्माण के लिए केंद्र सरकार एक के बाद एक परियोजनाओं की शुरुआत कर रही है. इरादा है चुनाव से पहले तक सत्तर हजार करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास करना. बीजेपी चाहती है कि मोदी सरकार के पांच साल के कार्यकाल में दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का काम यूपी में कर दिया जाए. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राज्य में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले वे 70 से ज्यादा लोक सभा चुनाव क्षेत्रों में जाएंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी के सांसदों ने उन्हें अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों में आने का अनुरोध किया है. गडकरी यूपी में लगातार तूफानी दौरे कर रहे हैं. उन्होंने वाराणसी में 2500 करोड़ रुपये की लागत की परियोजनाओं का शिलान्यास किया. आठ सितंबर को उन्होंने गोरखपुर, बलिया, लालगंज में 2500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को शुरू किया और शुक्रवार 16 सितंबर को 5200 करोड़ रुपये की लागत वाले लखनऊ आउटर रिंग रोड की आधारशिला रखेंगे. इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी उनके साथ रहेंगे, जो कि लखनऊ से सांसद हैं. इसके बाद गडकरी तकरीबन हर सप्ताह यूपी के दौरे पर रहेंगे. अक्तूबर के पहले हफ्ते में आगरा, इटावा, कानपुर, अलीगढ़, फिरोजाबाद तो दूसरे हफ्ते में गाजीपुर, इलाहाबाद, महाराजगंज के इलाकों को जोड़ने वाली सड़क परियोजनाओं के काम की शुरुआत होगी. तीसरे हफ्ते में वे झाँसी, चित्रकूट में रहेंगे. इरादा यह है कि यूपी के सभी हिस्सों में किसी न किसी सड़क परियोजना का शिलान्यास कर दिया जाए ताकि पार्टी के सांसद मतदाताओं को बता सकें कि उनकी केंद्र सरकार काम में जुटी है. यूपी पर फोकस करने वाले गडकरी अकेले केंद्रीय मंत्री नहीं हैं. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने सभी केंद्रीय मंत्रियों से कहा है कि वे अपने-अपने मंत्रालयों की यूपी से जुड़ी योजनाओं में तेजी लाएं ताकि पार्टी विकास के नाम पर राज्य में वोट मांग सकें. दरअसल, यूपी में राम मंदिर की राजनीति करती आ रही बीजेपी इस बार विकास को बड़ा मुद्दा बना रही है. लेकिन उसे यह अहसास है कि लोगों का समर्थन तभी मिलेगा जब जमीन पर काम दिखेगा. पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में फर्क यह है कि इस बार उसकी केंद्र में सरकार है, और इसीलिए पार्टी पर कुछ करके दिखाने का दबाव ज्यादा है. खास तौर से तब जबकि उसके पास राज्य के 80 में से 71 सांसद हैं.

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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