इंडिया न्यूज़ सेंटर, लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी परिवार में घमासान पर नजर लगाए विपक्षी दलों को प्रदेश सरकार की विदाई और अपनी जीत के आसार दिख रहे हैं। बसपा फैमिली ड्रामा, भाजपा छबि बचाने का नाटक और कांग्रेस की नजर में सत्ता के भूखे लोगों का जनता के साथ छल है। बाप-बेटे की ड्रामेबाजी : बसपा बसपा प्रमुख मायावती ने समाजवादी सरकार में जारी उठापटक को बाप बेटे की ड्रामेबाजी करार देते हुए आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव से पहले अपनी खामियां छिपाने के लिए ही दिखावटी नाटकबाजी कर जनता को भ्रम में डाला जा रहा है। प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने आरोप लगाया कि दो मंत्रियों को घोर भ्रष्टाचार के मामलों में बर्खास्त कर देने से प्रदेश सरकार का महापाप कम नहीं हो पाएगा। गायत्री प्रजापति व राजकिशोर सिंह जैसे भ्रष्टाचार में फंसे लोगों को संरक्षण देने की समाजवादी पार्टी में पुरानी परंपरा है। भ्रष्ट मंत्रियों के खिलाफ लोकायुक्त की रिपोर्ट को दबाए रखने वाली सरकार से राज्यपाल द्वारा बार-बार पूछने पर भी कोई कार्रवाई न हो पाना समाजवादी नेतृत्व की मंशा को दर्शाता है। मायावती का कहना है कि बसपा शासन में ऐसे मामलों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाती थी। मुख्यमंत्री को पद छोडऩे का निर्देश दें मुलायम: भाजपा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य के अनुसार मुलायम सिंह बुरी तरह फेल सपा सरकार से जनता का ध्यान हटाने के लिए ही अपने पुत्र व मुख्यमंत्री की छवि बचाने का नाटक कर रहे हैं जबकि अखिलेश से इस्तीफा देने के लिए कहना चाहिए। सैफई परिवार जनधन की लूट, अराजकता व अपराधवृद्धि से त्रस्त जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहा है। जनता को फैसला करने दें : कांग्रेस कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर का कहना है कि समाजवादी घमासान की वजह भ्रष्टाचारी व सत्ता के भूखे लोगों की अतिमहत्वाकांक्षा है। 27 साल से प्रदेश की जनता बदहाली झेलती चली आ रही हैं। सरकारी धन की लूट, भ्रष्टाचार व जमीनों के कब्जे के माहिर दलों से छुटकारे का जनता ने मन बना लिया हैं। विदाई की वेला पर समाजवादी कुनबे में बिखराव भी दिख रहा है। मुख्यमंत्री अखिलेश को चाहिए कि त्यागपत्र दे कर जनता के बीच जाने का साहस दिखाए। डूबती नाव के सवारों में कलह : लोकदल राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डा. मसूद अहमद का कहना है कि जिस तरह डूबती नाव के सवारों में कलह होती है उसी तरह से आकंठ भष्ट्राचार डूबे समाजवादी कुनबे की आपसी रार जनता के सामने आ रही है।