इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्लीः आरक्षण सहित 7 मांगों को लेकर दिल्ली के हरियाणा भवन में जाटों और सरकार के बीच होने वाली निर्णायक बैठक रद्द हो गई है। यह बैठक सीएम मनोहर के न पहुंचने के चलते रद्द की गई है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रवक्ता रोहताश हुड्डा ने साफ कहा कि है सीएम के बिना वे कोई भी बैठक नहीं करेंगे। सीएम से कई मुद्दों पर बातचीत जरूरी है उसी के बाद ही आंदोलन को लेकर आखिरी फैसला लिया जाएगा। हुड्डा ने कहा कि मीटिंग रद्द होने कारण 20 मार्च को जाटों का दिल्ली कूच का कार्यक्रम ज्यों का त्यों रहेगा। इसमें किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि वीरवार को पानीपत रिफाइनरी के रेस्ट हाउस में सरकार की नई कमेटी और जाट प्रतिनिधियों के बीच लंबी बैठक हुई थी। इस बैठक में निर्णय लिया गया था कि शुक्रवार को दिल्ली में सीएम के साथ मुलाकात होगी और उसके बाद एक साझा प्रेस कांफ्रेंस की जाएगी। लेकिन बैठक रद्द होने के कारण जाटों के आंदोलन खत्म करने की घोषणा एक बार फिर खटाई में पड़ती नजर आ रही है। सूत्रों की मानें तो आज होने वाली बैठक को कल दोबारा से बुलाया जा सकता है। सी.एम. के दावे पर फिरा पानीहरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के दावे पर उस समय पानी फिर गया जब वे 2 बजे होने वाली बैठक पर नहीं पहुंचे, और उसे रद्द कर दिया गया। बता दें कि पंचकूला में हरियाणा साहित्य संगम के 3 दिवसीय कार्यक्रम का शुरू होने से पहले सीए मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जाट नेताओं से बातचीत हो चुकी है केवल घोषणा रहती है। यशपाल मलिक से शिक्षा मंत्री रामबिलास के नेतृत्व की कमेटी की बातचीत हो चुकी है। कुछ विधयकों द्वारा अफसरशाही पर उठाए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन में कुछ समस्याएं आती है, लेकिन अफसरशाही सरकार पर हावी नहीं है और काबू से बाहर नहीं है। अफसर मिलकर सरकार के साथ काम कर रहे हैं।