इंडिया न्यूज सेंटर,लखनऊः भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की कवायद के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने विकास प्राधिकरणों के लेखे-जोखे की जांच महानियंत्रक एवं लेखा परीक्षक (कैग) से भी कराये जाने का निर्णय लिया है। योगी आदित्यनाथ मंत्रिमण्डल की आज यहां हुई बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। कैग ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की आमदनी और खर्च के आडिट की अनुमति अखिलेश यादव सरकार से मांगी थी, लेकिन तत्कालीन सरकार ने अनुमति देने से साफ इनकार कर दिया था। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार की काफी शिकायतें मिली थीं। मंत्रिमण्डल के निर्णय की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने बताया कि अब कैग राज्य के सभी विकास प्राधिकरणों की जांच कर सकेगा लेकिन इसके लिए उसे प्रदेश सरकार से अनुमति लेनी होगी। शर्मा ने बताया कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की जांच के लिए अखिलेश यादव सरकार द्वारा अनुमति नहीं दिये जाने पर राज्यपाल राम नाईक ने भी हस्तक्षेप किया था। उन्होंने बताया कि कैग को अनुमति दे दी गयी है।