हमारे वकील नासमझ थे,अपना पक्ष मजबूती से नही रख सकें-पाक के पूर्व अर्टानी जनरल
इंडिया न्यूज सेंटर,नई दिल्लीः कुलभूषण जाधव मामले में इंटरनेशनल अदालत के फैसले से मुहं पर तमाचा पड़ने के बाद पाकिस्तान घरेलू मोर्चे पर भी चौरतरफा घिरता नजर आ रहा है। यहां यह कहावत चरितार्थ होती खिसयानी बिल्ली खंबा नोचे ICJ ने जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है। पाकिस्तान में लोग भारत की जीत को पचा नहीं परा रहे हैं और सदमे में है। पाकिस्तान में कूटनीतिक और कानूनी विश्लेषकों का कहना है कि आईसीजे में पाकिस्तानी वकील अपने पक्ष को मजबूती के साथ रखने में नाकाम साबित हुए हैं। पाकिस्तान के रिटायर्ड जस्टिस शेख उस्मानी ने कहा कि आईसीजे के पास फैसले देने का अधिकार नहीं हैं। यह पाकिस्तान की गलती है कि वह इस केस के लिए आईसीजे की बहस में शामिल हुआ। ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था। हमने अपने पैरों पर खुद ही कुल्हाड़ी मारी है। पाकिस्तान में यह केस चलता रहेगा। हालांकि कोर्ट के ऑर्डर के बाद फांसी पर रोक लग चुकी है। लंदन में रह रहे बैरिस्टर राशिद असलम ने कहा कि पाकिस्तान पूरी सुनवाई के दौरान बेहद ही अप्रभावी था। सुनवाई के लिए निर्धारित 90 मिनटों का सही इस्तेमाल नहीं किया जिसमें से 40 मिनट बेवजह खराब कर दिए गए, जिसकी वजह से उसे मुंह की खानी पड़ी।
हमारे वकील अनुभवहीन थे
वहीं पूर्व अटॉर्नी जनरल इरफान कादिर ने कहा बताया कि हमारे वकील अनुभवहीन थे। मुझे इस निर्णय से बहुत बड़ा झटका लगा है। उन्होंने कोर्ट के फैसले को प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन करार दिया। हमारी दलीलें बेहद ही कमजोर साबित हुई।