इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्लीः लंबे समय से पाकिस्तान की जेल में कैद भारतीय नागरिक कुलभुषण जाधव को पाक की अदालत ने मौत की सजा सुना दी है। पाकिस्तान की ओर से उसे कथित तौर पर जासूस घोषित किया गया है, और वह भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के लिए काम करता है। जाधव को पाकिस्तान ने जासूसी के आरोप में पिछले साल गिरफ्तार किया था। पाक की ओर से जाधव को लेकर ही एक वीडियो जारी किया गया था। जिसमें कथित तौर पर बताया गया कि कैसे भारतीय इंजीनियर बलोचिस्तान में हिंसा और अलगाव को बढ़ावा दे रहे हैं। आपको बता दें कि जाधव को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था। वहीं कुलभूषण को पाकिस्तान में फांसी की सजा सुनाए जाने पर भारत ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। इस मामले में भारत ने पाक उच्चायुक्त को तलब कर लिया है।
इससे पहले पाकिस्तान ने जाधव को स्वदेश वापस भेजने के मामले में पाकिस्तान पलटी मार गया था। ठोस सबूत न होने की बात कहकर कुलभूषण को स्वदेश वापस छोड़ने की बात पर फिर पाकिस्तान ने कहा कि उसके पास जाधव के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं और पाकिस्तान में ही उस पर मुकदमा चलेगा। इसकी जानकारी पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने उच्च सदन सीनेट में दी। उन्होंने कहा कि जाधव पर एफआईआर दर्ज हो चुका है और पाकिस्तान उसे छोड़ने पर कोई विचार नहीं कर रहा है।
पाकिस्तानी अखबार 'द डॉन' के अनुसार सीनेट में प्रश्नकाल के दौरान एक प्रश्न के जवाब में अजीज ने कहा कि हमने कभी नहीं कहा कि हमारे पास जाधव के खिलाफ सबूतों की कोई कमी है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों के अपराध में जाधव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच चल रही है। भारत ने इस मामले पर पहले भी कहा है कि कुलभूषण जाधव नेवी के रिटायर्ड ऑफिसर हैं और अब उनका भारत सरकार से कोई संबंध नहीं है और अगर पाकिस्तान जाधव के खिलाफ सबूतों की बात कर रहा है तो उसे भारत के सामने पेश क्यों नहीं करता है। बता दें कि कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान की जेल में 20 सालों से बंद रहे भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की पीट पीटकर हत्या कर दी गई थी। सरबजीत को भी पाकिस्तानी कोर्ट ने भारतीय जासूस बताकर फांसी की सजा सुनाई गई थी। सरबजीत के मामले में भी पाकिस्तान का रुख हमेशा बदलता रहा था।