इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: जल्द ही कार्ड से लेनदेन करने पर लगने वाला ट्रांजेक्शन टैक्स खत्म हो सकता है। राहत की खबर के साथ ही आपकी जेब पर बोझ बढ़ाने वाली खबर भी है। अगर आप बैंक से 50 हजार रुपये से या ज्यादा निकालेंगे तो उस पर टैक्स लगाया जा सकता है। ये सब तभी होगा अगर सरकार मुख्यमंत्रियों की कमेटी की सिफारिशें मान लेगी। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्राबाबू नायडू की अगुवाई वाली मुख्यमंत्रियों की कमेटी ने कल पीएम मोदी को अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंप दी। डिजिटल लेनेदेन को बढ़ावा देने के लिए कमेटी ने कई सिफारिशें की हैं। मुख्यमंत्रियों की कमेटी ने कार्ड से भुगतान पर सर्विस चार्ज या फिर मर्चेंट डिस्काउंट रेट यानी एमडीआर को खत्म करने की सिफारिश की है। अभी डेबिट कार्ड पर 0.25 से 1 फीसद की दर से सर्विस चार्ज लगता है, जबकि क्रेडिट कार्ड पर ये 1 से 2.5 फीसद के बीच है। चंद्राबाबू नायडू ने कहा, सभी बैंकों ने कारोबारियों के यहां ईपीओएस मशीन लगाई है जिसके लिए वो कुछ मामूली रकम लेते हैं जो जरूरी नहीं है। लेनदेन ऐसे हो गए हैं कि अब तो ईपीओएस मशीन की भी जरूरत नहीं रह गई है। यहां तक की आपका स्मार्टफोन भी अब माइक्रो एटीएम हो गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्रियों की कमेटी ने कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए बडे लेनदेन में नकद की सीमा तय करने की सिफारिश की है। हालांकि इस सिफारिश से आपकी जेब को झटका लग सकता है। कमेटी ने कहा है कि 50 हजार या उससे ज्यादा बैंक से निकालने पर टैक्स लगे। पहले 20 हजार या ज्यादा निकालने पर बैंकिंग कैश ट्रांजेक्शन टैक्स लगता था जिसे बाद में हटा लिया गया था। नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने बैठक में कहा, पहले राजस्व जुटाने के मकसद से ये बैंकिंग कैश ट्रांजेक्शन टैक्स लगाया गया था। अब मकसद डिजिटल और कैश लेनदेन के फर्क खत्म करना है। डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए आम आदमी के साथ-साथ व्यापारियों को भी राहत देने की कोशिश की गई है। कमेटी ने डिजिटल माध्यम से भुगतान लेने वाले व्यापरियों को टैक्स में छूट देने, छोटे व्यापरियों को स्मार्ट फोन के लिए 1000 रुपये की सब्सिडी देने, डिजिटल पेमेंट अपनाने वाले आम लोगों को टैक्स रिफंड देने और आधार के जरिए भुगतान को बढ़ावा देने की सिफारिश की है। कमेटी को उम्मीद है कि इन सिफारिशों को इस बार के बजट में भी जगह मिलेगी।