Petition: Imposed Rasuka on black marketers of covid drugs and equipment, confiscate property
न्यूज डेस्क,नई दिल्ली: कोरोना महामारी के दौरान इंसानियत पर मंडराते खतरे के बीच भी देश में दवाओं, चिकित्सा उपकरणों और ऑक्सीजन सिलेंडर जैसी वस्तुओं की जमाखोरी, कालाबाजारी, मिलावटखोरी जैसी हरकतें हो रही हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त सजा की मांग की गई है।
भाजपा नेता व वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने यह याचिका दायर की है। याचिका में केंद्र और राज्यों को इन गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम लागू करने और उनकी 100 फीसदी बेनामी संपत्तियों और आय से अधिक संपत्ति को जब्त करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि बिस्तरों की 'जमाखोरी', मुनाफाखोरी, दवाओं में मिलावट और कालाबाजारी के कारण कई लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया। याचिका में शीर्ष अदालत से यह भी गुहार लगाई गई है कि जमाखोरी, मुनाफाखोरी, मिलावट और कालाबाजारी के अपराधों में दी जाने वाली सजाएं एक के बाद एक चलनी चाहिए न कि साथ-साथ।
ऐसे अपराधों के लिए आईपीसी में एक नया अध्याय जोड़ें
उपाध्याय ने याचिका में यह भी मांग की है कि केंद्र सरकार को जमाखोरी, मुनाफाखोरी, मिलावट और कालाबाजारी से संबंधित अंतरराष्ट्रीय कानूनों का परीक्षण करने और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में इन अपराधों के लिए एक अध्याय शामिल करने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश दिया जाए। इसके साथ ही वैकल्पिक तौर पर भारत के विधि आयोग को जमाखोरी, मिलावट, मुनाफाखोरी और कालाबाजारी से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय कानूनों की जांच करने और तीन महीने के भीतर एक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया जाए।