Karnataka Yeddyurappa will have to prove majority tomorrow at four o'clock: Supreme Court
नेशनल न्यूज डेस्कः सुप्रीम कोर्ट में आज कांग्रेस और जेडीएस की याचिका पर सुनवाई हुई। जस्टिस सीकरी, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस बोबडे की तीन जजों की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए शनिवार शाम चार बजे विधानसभा में बहुमत परीक्षण कराने का आदेश दिया।सबसे पहले बीजेपी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को वह लेटर उपलब्ध कराया गया जिसे येदियुरप्पा की तरफ से राज्यपाल को भेजा गया था। बीजेपी के वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट से बहुमत परीक्षण के लिए सोमवार तक का वक्त मांगा था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने देने से इनकार कर दिया। कांग्रेस की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि फ्लोर टेस्ट की वीडियोग्राफी हो और विधायकों को सुरक्षा मिलनी चाहिए ताकि वह वोट कर सकें। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक विधानसभा में एंग्लो-इंडियन सदस्य की नियुक्ति पर भी रोक लगा दी है।
बता दें कि कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की तरफ से एक और याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी। ये याचिका एंग्लो-इंडियन विधायक के चुनाव के विरोध में दायर की गई थी। याचिका मे सीएम बीएस येदुियुरप्पा के सदन में बहुमत साबित करने तक एंग्लो इंडियन विधायक मनोनीत किए जाने पर रोक लगाने की मांग की गई थी। अाइए जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या-क्या दलीलें दी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आगे क्या होगा
सबसे पहले विधानसभा के सचिव उस विधायक का नाम प्रोटेम स्पीकर के लिए राज्यपाल को भेजेंगे। उसके बाद राज्यपाल उस विधायक को प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ दिलाएंगे। इसके बाद प्रोटेम स्पीकर सभी नव निर्वाचित विधायकों को सदन में उपस्थित रहने के लिए आमंत्रण भेजेंगे।एक बार जब सभी विधायकों के शपथ ग्रहण का काम पूरा हो जाएगा, उसके बाद प्रो-टेम स्पीकर के पास दो विकल्प होंगे। एक ये कि वो फ्लोर टेस्ट शुरू कराए और बहुमत के लिए वोटिंग हो या फिर वो पहले सदन के स्पीकर को निर्वाचित करें। जब विधायकों की वोटिंग होगी तो पहले ध्वनि मत (वॉयस वोट) लिया जाएगा। इसके बाद कोरम बेल बजेगी और सभी विधायकों को दो खेमों में बंटने के लिए कहा जाएगा। और फिर दोनों खेमों में विधायकों की गिनती की जाएगी। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद प्रोटेम स्पीकर परिणाम की घोषणा करेंगे।