` नये कृषि कानून अकाली दल की हिस्सेदारी वाली केंद्र सरकार की ‘किसान मारू, पंजाब मारू’ साजिश का हिस्साः कैप्टन अमरिन्दर सिंह

नये कृषि कानून अकाली दल की हिस्सेदारी वाली केंद्र सरकार की ‘किसान मारू, पंजाब मारू’ साजिश का हिस्साः कैप्टन अमरिन्दर सिंह

NEW FARM LAWS PART OF SAD-BACKED CENTRAL GOVT’S `KISAN MAARU, PUNJAB MAARU’ CONSPIRACY, SAYS CAPT AMARINDER share via Whatsapp

NEW FARM LAWS PART OF SAD-BACKED CENTRAL GOVT’S `KISAN MAARU, PUNJAB MAARU’ CONSPIRACY, SAYS CAPT AMARINDER

 SAYS DELHI HAS TO RETHINK AS THESE LAWS WILL SPOIL PEACEFUL ENVIRONMENT OF HIS BORDER STATE

 TAKES DIG AT HARSIMRAT’S `FARMER BROTHERS’ REMARK, ASKS WHERE WAS SHE WHEN THE ANTI-FARMER ORDINACES WERE BROUGHT IN

केंद्र सरकार को पुन: विचार करना होगा, इन कानूनों से सरहदी राज्य का शांतमयी माहौल बिगड़ेगा

हरसिमरत बादल की ‘किसान भाईयों’ की टिप्पणी पर चुटकी लेते हुये पूछा, किसान विरोधी आर्डीनैंस लाए जाने के मौके पर आप कहाँ थे?

इंडिया न्यूज सेंटर,चण्डीगढ़ :
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज केंद्र सरकार द्वारा देश पर जबरन थोपे गए कृषि कानूनों को अकालियों की हिस्सेदारी वाली भाजपा की एन.डी.ए. की ‘किसान मारू, पंजाब मारू’ साजिश का हिस्सा करार दिया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सब कुछ घटने के बावजूद अकाली अपने राज्य और लोगों की कीमत पर बेशर्मी के साथ गठजोड़ का हिस्सेदार बने हुए हैं।

पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी लुधियाना के वर्चुअल किसान मेले की शुरुआत के मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे नहीं पता कि भाजपा और अकालियों की पंजाब के साथ क्या दुश्मनी है। वह हमें तबाह करने पर क्यों तुले हुए हैं? यह मेला ऑनलाइन संपर्क के साथ 100 स्थानों पर हुआ जिनमें कैबिनेट मंत्रियों, विधायकों और पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ समेत किसानों, किसान नुमायंदों और अन्य भाईवालों ने शिरकत की।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने एक बार फिर चेतावनी दी कि यह कानून सरहदी राज्य के लोगों में गुस्से की भावना पैदा करेंगे। जिससे पाकिस्तान को आग और भडक़ाने का मौका मिल जायेगा। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह किसान विरोधी कदम पंजाब की आबो-हवा को खऱाब करेगा। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर फिर विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि यह कानून मुल्क की अनाज सुरक्षा के लिए पंजाब और यहाँ के किसानों की तरफ से 65 सालों में से किये बलिदानों को मिट्टी में मिला देंगे।

इस समूचे मामले में अकालियों की तरफ से अपने संकुचित राजनैतिक हितों की ख़ातिर राजनीति खेलने का आरोप लगाते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बादलों को पूछा कि इन कृषि बिलों और पानी के संवेदनशील मुद्दे पर शिरोमणि अकाली दल पंजाब सरकार के साथ खडे होऩे में नाकाम क्यों रहा। उन्होंने अकालियों को कहा कि क्या आपने एक बार भी सोचा कि कृषि और पानी के बिना पंजाब के साथ क्या होगा? उन्होंने कहा कि सतलुज यमुना लिंक नहर के मुद्दा लटक रहा है। हालात ख़तरनाक हैं और अकाली दल ने सिर्फ कृषि आर्डीनैंसों का समर्थन करके संकट बढ़ाने में योगदान डाला रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा केंद्र सरकार के इन्कार के बावजूद यह नये कानून आखिर में न्युनतम समर्थन मूल्य के ख़ात्मे और एफ.सी.आई. का अंत करने के लिए रास्ता साफ करेंगे और किसानों को बड़े कॉर्पोरेट घरानों के रहमो-कर्म पर छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि यह सब कुछ शांता कुमार कमेटी की सिफारिशों की राह पर किया जा रहा है।
इन कानूनों का ज़ोरदार विरोध करते हुये मुख्यमंत्री ने न्युनतम समर्थन मूल्य के साथ छेड़छाड़ न करने के बारे केंद्र की गारंटी को रद्द करते हुये कहा कि यह संवैधानिक गारंटी संसद की तरफ से दी गई थी। जिसको अपितु केंद्र की मौजूदा सरकार की तरफ से बहुमत की धौंस में तबाह करने की कोशिश की जा रही है।


भारत सरकार की संजीदगी पर सवाल उठाते हुये उन्होंने कहा कि मकई जैसी फसलों पर पहले ही घोषित किया जा चुका न्युनतम समर्थन मूल्य भी किसानों को नहीं दिया जा रहा।

कृषि आर्डीनैंसों में पंजाब के सम्मिलन के बारे भाजपा और अकाली दल के दावों को पूरी तरह रद्द करते हुये मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कृषि सुधारों के बारे केंद्र की तरफ से कायम की उच्च ताकती कमेटी की मीटिंगें जिनमें उनकी सरकार शामिल थी।  जिसमें कृषि सम्बन्धी ऐसे किसी आर्डीनैंस या नये कानून के मुद्दे पर कोई विचार-चर्चा नहीं हुई।


केंद्रीय मंत्री राओसाहिब पाटिल और शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल के झूठे और भ्रामक दावों के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीतिज्ञों को ऐसे गंभीर मुद्दों पर झूठ नहीं बोलना चाहिए । क्योंकि ऐसे मसले हमारी आने वाली पीढ़ीयों के लिए गहरे मायने रखते हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति को एक तरफ़ कर दो, यह मसला सीधे तौर पर हमारे बच्चों के भविष्य के साथ जुड़ा हुआ है।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि लोक सभा में सिर्प 13 सीटें हैं। और कांग्रेस की आवाज़ को दबा कर केंद्र सरकार ने बहुमत की धौंस से यह ख़तरनाक और किसान विरोधी बिल  पास कर दिए। उन्होंने कहा कि भारत की आने वाली पीढ़ीयां एन.डी.ए. और इसके सहयोगियों की तरफ से देश के किये नुक्सान के लिए कभी भी माफ नहीं करेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च ताकती कमेटी स्पष्ट तौर पर धूल झोंकने के लिए थी। उन्होंने कहा कि पंजाब के साथ सांझी की ड्राफ्ट रिपोर्ट में कहीं भी आर्डीनैंसों का जि़क्र नहीं था। उन्होंने कहा कि वास्तविकता में उनकी सरकार का ड्राफ्ट रिपोर्ट के बारे जवाब किसी भी सुधारों को लेकर उनके पक्ष को स्पष्ट करती है।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह शर्मनाक बात है कि अकाली दल सभी तथ्यों को देखते हुए भी सत्ताधारी गठजोड़ का हिस्सा रहता हुआ केंद्र सरकार के पक्ष में खड़ा है। और उनकी तरफ से बुलायी सर्वपार्टी मीटिंग में उन्होंने आर्डीनैंसों का विरोध नहीं किया था। यहाँ तक कि वह इन आर्डीनैंसों के खि़लाफ़ विधान सभा में पास किये प्रस्ताव के हक में वोट डालने भी नहीं आए थे।

हरसिमरत बादल की तरफ केंद्रीय कैबिनेट में से इस्तीफ़ा देने के मौके पर किसानों भाईयों के साथ खड़े होने के बयान पर चुटकी लेते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पूछा कि जब केंद्र ने आर्डीनैंस लाए थे तो वह किसानों भाईयों को क्यों भूल गई थी। उन्होंने कहा कि अगर अकाली दल शुरू से ही राज्य सरकार के साथ खड़ा होता और अपने हिस्सेदार भाजपा पर दबाव बनाता तो शायद मौजूदा स्थिति पैदा न होती।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि छोटा राज्य होने के बावजूद पंजाब और इसके किसानों ने अपना ख़ून-पसीना बहाव कर देश को अतिरिक्त अनाज वाला देश बनाया जो कई साल अनाज की किल्लत के कारण दूसरे देशों आगे के हाथ फैलाता रहा। वर्षों से पंजाब ने देश को भूखे मरने से बचाये रखा हुआ है। उन्होंने कहा कि यहाँ तक कि कोविड महामारी के दौरान पंजाब के गोदामें से ले जाकर देश भर में गरीबों को अनाज बांटा गया।

मुख्यमंत्री ने भारत को अनाज के मामलो में स्वै-निर्भर बनाने के लिए पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी की भूमिका की सराहना करते हुये कहा कि चाहे महामारी के चलते इतिहास में पहली बार किसान मेला वर्चुअल करवाया जा रहा है परन्तु कोरोना के दौर में इस अनुसंधान यूनिवर्सिटी का किसानों को सहयोग सराहनीय बात है।

इससे पहले सुनील जाखड़ ने मुख्यमंत्री को महामारी के बावजूद गेहूँ की सुचारू खरीद और खरीफ की फ़सल की फ़सल के बेहतर प्रबंधों के लिए बधाई दी। नये कानूनों को किसानी क्षेत्र पर छाया काले बादल करार देते हुये श्री जाखड़ ने कहा कि जब तक किसानों की वित्तीय सुरक्षा नहीं होती तब तक कोई अनाज और पौष्टिक सुरक्षा नहीं हो सकती जिसको केंद्र सरकार इन कानूनों के साथ ख़त्म करने पर लगी है।

NEW FARM LAWS PART OF SAD-BACKED CENTRAL GOVT’S `KISAN MAARU, PUNJAB MAARU’ CONSPIRACY, SAYS CAPT AMARINDER

OJSS Best website company in jalandhar
Source: INDIA NEWS CENTRE

Leave a comment






11

Latest post