Pakistan names of 5600 terrorists, including Zaki Ur Rehman Lakhvi removed from surveillance list
मुंबई हमले के मास्टमाइंड लखवी को भी आतंकी फंडिंग के आरोप से बचाने की कोशिश
एफएटीएफ की सख्ती के बावजूद नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान
जून में होने वाली एफएटीएफ की समीक्षा बैठक में तय होगा पाकिस्तान का भविष्य
अंर्तराष्ट्रीय डेस्कः सारी दुनिया बेशक कोरोना से लड़ रही हो, लेकिन पाकिस्तान इस मौके पर भी अपने यहां के आतंकियों को बेदाग साबित करने में लगा हुआ है। पाकिस्तान ने बड़ी सफाई के साथ और गुपचुप तरीके से अपनी निगरानी सूची से हजारों आतंकवादियों के नाम हटा दिए हैं। इसमें 2008 में हुए मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और लश्कर कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी का नाम भी शामिल है। पाकिस्तान ने ये फैसला ऐसे समय में किया है जब मनी लांड्रिंग के खिलाफ काम कर रही वैश्विक संस्था फाइनेंन्शियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) जून में होने वाली अपनी बैठक में इस बात की समीक्षा करने वाला है कि पाकिस्तान ने आतंकी संगठनों के खिलाफ क्या कार्रवाई की। फिलहाल पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में है और आतंकियों की निगरानी सूची छोटी करके वह अपना रिपोर्ट कार्ड बेहतर करने में लगा है। अगर वह ऐसा नहीं करता तो उसके लिए खुद को ब्लैक लिस्ट में जाने से बचाना मुश्किल होगा।
गौरतलब है कि 2018 में जब आतंकियों की ये निगरानी लिस्ट बनी थी तब इसमें 7600 नाम थे जो 18 महीनों में घटाकर आधे यानी 3800 रह गए। और अब पिछले महीने मार्च में इनमें से भी 1800 नाम हटा दिए गए जिसमें लखवी का नाम प्रमुख है। ये खुलासा अमेरिका की एक कंपनी कास्टेलम ने किया है।
दरअसल एफएटीएफ ने पाकिस्तान को जो अल्टीमेटम दिया है उसके तहत आतंकी फंडिग के मामले में की गई कार्रवाइयों को तेज करने के साथ ही इसे रोकने की दिशा में किए गए कामों का लेखा जोखा देना जरूरी है। पाकिस्तान दावा करता रहा है कि वह लगातार इस दिशा में काम कर रहा है और आतंकियों या आतंकी संगठनों पर लगाम कसी जा रही है। पिछली बैठक में भी पाकिस्तान पर ब्लैक लिस्ट में जाने का खतरा था लेकिन उसने तब भी अफरा तफरी में कुछ कार्रवाइयां दिखा कर इससे खुद को बचा लिया था। लेकिन अब वह इसकी तैयारी पहले से कर रहा है। उसने अपनी लिस्ट छोटी करके अब महज 2000 आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई दिखाने की तैयारी में है। ये लिस्ट पाकिस्तान नेशनल काउंटर टेररिज्म ऑथोरिटी (एनएसीटीए) बनाती है और इसमें जरूरी बदलाव करती है। इस लिस्ट में उन लोगों के नाम शामिल हैं जो किसी न किसी तरीके से आतंकी फंडिंग के मामले में शामिल पाए गए हैं। इसमें मौजूद लोगों के पूरे बैंक खाते की जांच करने के अलावा सरकार ने उन बैंकों को भी निर्देश दे रखे हैं कि इसमें होने वाले लेन देन की सारी जानकारी उपलब्ध कराई जाए।(साभार अमर उजाला)