Former foreign minister and BJP leader Sushma Swaraj dies
नेशनल डेस्कः भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का 67 वर्ष की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से मंगलवार रात को एम्स अस्पताल मे निधन हो गया है। सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। वह पिछले काफी समय से बीमार चल रही थीं। भाजपा नेता नितिन गडकरी और हर्षवर्धन एम्स पहुंचे हुए हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी अपने निवास से एम्स के लिए निकल चुके है। चार घण्टे पहले सुषमा स्वराज द्वारा टिवीटर के माध्यम से धारा 370 हटाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी को बधाई दी गई थी। 67 वर्षीय सुषमा ने कुछ वर्ष पहले किडनी ट्रांसप्लांट कराया था। स्वास्थ्य कारणों के चलते उन्होंने नई सरकार में मंत्री पद नहीं लिया था। रिपोर्ट के मुताबिक सुषमा स्वराज की हालत नाजुक बनी हुई थीं।
सुषमा स्वराज का राजनीतिक सफर
सुषमा स्वराज ने सबसे पहला चुनाव 1977 में लड़ा, तब वह 25 साल की थीं। वह हरियाणा की अंबाला सीट से चुनाव जीतकर देश की सबसे युवा विधायक बनीं। उन्हें हरियाणा की देवीलाल सरकार में मंत्री भी बनाया गया। इस तरह वह किसी राज्य की सबसे युवा मंत्री रहीं।
1998 में दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं
नब्बे के दशक में सुषमा राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय हो गईं। अटलजी की सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया। 1998 में उन्होंने अटलजी की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया और दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। हालांकि, इसके बाद हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा हार गई। पार्टी की हार के बाद सुषमा ने विधानसभा की सदस्यता छोड़ दी और राष्ट्रीय राजनीति में लौट आईं।
1999 में बेल्लारी लोकसभा सीट पर सोनिया से हारीं
1996 में हुए लोकसभा चुनाव में सुषमा दक्षिण दिल्ली से सांसद बनी थीं। इसके बाद 13 दिन की अटलजी की सरकार में उन्हें केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाया गया। मार्च 1998 में दूसरी बार अटलजी की सरकार बनने पर वे एक फिर से आईबी मिनिस्टर बनीं। 1999 में उन्होंने बेल्लारी लोकसभा सीट पर सोनिया के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन वह यहां से हार गईं।
2014 से 2019 तक विदेश मंत्री रहीं
सुषमा स्वराज 2009 और 2014 में विदिशा से लोकसभा चुनाव जीतीं। 2014 से 2019 तक वह विदेश मंत्री रहीं और दुनिया भर में भारतीयों को उन्होंने एक ट्वीट पर मदद मुहैया कराई। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों के चलते 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। भाजपा की जीत के बाद मन जा रहा था कि वे दोबारा विदेश मंत्री बनेंगी, लेकिन उन्होंने खराब सेहत के चलते मंत्री पद नहीं लिया।