The French government's big announcement, all assets of Masood Azhar will be seized
अंर्तराष्ट्रीय डेस्कः फ्रांस सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर पर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने उसकी अपने देश में मौजूद सभी संपत्तियों को जब्त करने का निर्णय लिया है। फ्रांस का कहना है कि वह अजहर के नाम को यूरोपियन यूनियन की संदिग्ध आतंकवादियों वाली सूची में शामिल करने के लिए बात करेगा। फ्रांस का अजहर की संपत्ति को जब्त करने का कदम ऐसे समय पर सामने आया है जब बुधवार को उसे वैश्विक आतंकी घोषित करने के मामले पर चीन ने वीटो का इस्तेमाल करके रोड़ा अटकाया था।फ्रांस ने आतंकी गुट जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर वित्तीय प्रतिबंध लगाने का निर्णय किया है और जोर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमेशा से भारत के साथ रहा है। फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के लिए नए सिरे से प्रयास किया था। फ्रांस के यूरोप एवं विदेशी मामलों के मंत्रालय, फ्रांस के आर्थिक एवं वित्त मंत्रालय तथा आतंरिक मामलों के मंत्रालय के संयुक्त बयान में कहा गया है कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में एक घातक हमला हुआ जिसमें भारतीय पुलिस बल के 40 लोगों ने जान गंवाई। जैश ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है जिसे 2001 से ही संयुक्त राष्ट्र आतंकी संगठन घोषित करने का प्रयास कर रहा है। इसमें कहा गया है, ‘फ्रांस आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमेशा से भारत के साथ रहा है और हमेशा रहेगा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत अजहर को नामित करने का प्रस्ताव फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका द्वारा 27 फरवरी को पेश किया गया था। यह प्रस्ताव इसलिए पेश किया गया था क्योंकि 14 फरवरी को जैश के आत्मघाती हमलावर ने सीएरपीएफ के एक काफिले पर आतंकी हमला किया था जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद से भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव आ गया था। अल कायदा प्रतिबंध समिति के सदस्यों को इस प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज करने के लिए 10 दिनों का समय दिया गया था। इसकी समयसीमा खत्म होने से पहले चीन ने इस प्रस्ताव को यह कहते हुए टेक्निकल होल्ड पर डाल दिया कि उसे इसकी जांच करने के लिए और समय चाहिए।पुलवामा के अलावा अजहर का आतंकी संगठन जैश पिछले दो दशकों में कई आतंकवादी हमलों में संलिप्त रहा है। वह भारत के संसद भवन पर 13 दिसंबर, 2001 को हुए हमले में शामिल था। जिसमें नौ सुरक्षाकर्मियों सहित अधिकारियों की मौत हो गई थी। जनवरी 2016 में जैश के आतंकियों ने पठानकोट के एयरबेस पर हमला किया था। जिसमें सात जवान शहीद हो गए थे। इसी संगठन ने सितंबर 2016 को हुए उरी हमले को अंजाम दिया था। जिसमें 17 जवान शहीद हो गए थे और अन्य 30 घायल हुए थे।