Ten gangs active in the city, after complete planning, commit the crime
इंडिया न्यूज़ सेंटर, जालंधर : बस स्टैंड के पास मोता सिंह नगर में एक दुकान में खेले जा रहे जुए के दौरान दांव पर पांच लाख रुपये नहीं, बल्कि 20 लाख रुपये थे। यह जुआ लूटने आए लोगों को पहले से ही पता था। इतने बड़े जुए को लूटने का प्लान अंदर खेले जा रहे दांव के बीच ही बन गया था। चलती गेम से ही उठ कर बाहर सूचना पहुंचाई गई थी कि अंदर बड़ी रकम है। जुए के दौरान हुआ खूनी विवाद इस बड़ी रकम को बचाने के लिए था। यदि जुए की रकम कम होती तो यह खूनी विवाद नहीं होना था। शहर में इस समय करीब दस से ज्यादा गिरोह ऐसे सक्रिय हैं, जो जुआ लूटने के लिए बने हैं। इन लोगों के पास जुआ खेलने वालों की पूरी लिस्ट मौजूद होती है। मजेदार तथ्य तो यह है कि गिरोह के सदस्य खुद ही जुआ खेलने के लिए जगह उपलब्ध करवाते हैं और अपने ही लोगों को जुआ खेलने के लिए भेज देते हैं। बाद में जब जुआ पूरे चरम पर होता है तो उसे लूट कर ले जाते हैं। बस्तियात में तो हर दूसरे दिन जुआ लूटने की घटना होती है, लेकिन जुआ खेलने वाले अपनी लत पूरी करने और खुद के फंसने के डर से कोई शिकायत नहीं करते। इसी के चलते जुआ लूटने वालों के हौसले बुलंद होते गए और गिरोह बनते गए। एसी मार्केट में जुआ खेलने को लेेकर हुआ गोलीकांड या तीन महीने पहले बस्तियात में हुआ जुआ लूटने का मामला मोता सिंह नगर में हुए मामले से मेल खाता है। क्योंकि यहां पर जुए की रकम बड़ी थी। इन तीनों जगह पर जुआ बचाने के लिए नहीं, बल्कि कुछ लोगों ने अपनी जेब में पड़ी मोटी रकम बचाने के लिए हथियारबंद लुटेरों का सामना किया। एसी मार्केट में हुए झगड़े के दौरान कूका के पास रकम बड़ी थी। बस्तीयात में भी बैठे एक व्यापारी के पास लाखों की रकम जेब में थी, जो वो कहीं से लेकर आया था। मोता सिंह नगर में भी एक पक्ष के पास जुआ खेलने के लिए रखे पैसों के अलावा बड़ी रकम पड़ी थी, जिसे बचाने के लिए हथियारबंद लोगों के साथ भिड़ गए।