PM MODI in Assam - Election announcement to be held in the first week of March, inaugurated and laid foundation stones of many projects
न्यूज डेस्क, कोलकाताः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को एक बार फिर चुनावी राज्यों असम और बंगाल के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री मोदी सबसे पहले असम पहुंचे। यहां उन्होंने कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसके बाद चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट में भरपूर सामर्थ्य होने के बावजूद पहले की सरकारों ने इस क्षेत्र के साथ सौतेला व्यवहार किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र पर काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नीति सही हो, नीयत साफ हो तो नियति भी बदलती है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर बनते भारत के लिए लगातार अपने सामर्थ्य, अपनी क्षमताओं में भी वृद्धि करना आवश्यक है। उन्होंने लोगों से विकास के डबल इंजन को मजबूत करने की अपील की। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब दिल्ली आपसे दूर नहीं है। दिल्ली आपके दरवाजे पर खड़ा है।
असम के लोगों को देता हूं बधाई
1.मैं फिर एक बार इतनी सारी विकास योजनाओं के लिए, आत्मनिर्भर असम बनाने के लिए, भारत के निर्माण में असम के योगदान के लिए, हरेक असमवासी के कल्याण के लिए आज जो अनेक योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है, उसके लिए मैं एक बार फिर आप सबको बधाई देता हूं।
2. असम जैसा राज्य जहां चाय, पर्यटन, हैंडलूम और हैंडिक्राफ्ट आत्मनिर्भरता की बहुत बड़ी ताकत है। जब यहां के युवा इन स्किल्स को स्कूल-कॉलेज में ही सीखेंगे तो उससे बहुत लाभ होने वाला है।
3. असम सरकार यहां नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जल्द से जल्द लागू करने की कोशिश कर रही है। इस नई शिक्षा नीति का लाभ असम को, यहां के जनजातीय समाज को, चाय बागान में काम करने वाले श्रमिक भाई-बहनों को सबसे ज्यादा होने वाला है।
विकास की गति को बढ़ाया जाएगा
1. असम में वह सब कुछ है जो हर असमिया के लिए पर्याप्त है। हमें बस यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि पहले से मौजूद विकास के डबल इंजन को मजबूत किया जाए। मैं असम के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि विकास की गति को बढ़ाया जाएगा।
2. जिन लोगों ने दशकों तक देश में राज किया उन्होंने दिसपुर को दिल्ली से दूर मान लिया। इस सोच की वजह से असम का बहुत नुकसान हुआ। लेकिन अब दिल्ली दूर नहीं है, दिल्ली आपके दरवाजे पर खड़ा है।
3. असम की अर्थव्यवस्था में नॉर्थ बैंक के टी-गार्डन्स की भी बहुत बड़ी भूमिका है। इन टी गार्डन्स में काम करने वाले हमारे भाई-बहनों का जीवन आसान बने, ये भी हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।
4. हमारा सरकार आजादी के बाद से इस क्षेत्र में निवेश की गई राशि की तुलना में मछली पालन क्षेत्र पर अधिक खर्च कर रही है। हमारी सरकार ने इसके लिए 20,000 करोड़ रुपये की योजना लाई है, जिससे असम के लोगों को भी लाभ होगा।
हम मछली पालन को दे रहे हैं बढ़ावा
1. मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए जितना आजादी के बाद से खर्च नहीं हुआ, उससे ज्यादा अब हमारी सरकार खर्च कर रही है। मछली व्यवसाय से जुड़े किसानों के लिए 20 हजार करोड़ रुपये की योजना बनाई गई है, इसका लाभ असम के लोगों को भी मिलेगा।
2. ब्रह्मपुत्र के आशीर्वाद से, इस क्षेत्र की जमीन बहुत ही उपजाऊ रही है। यहां के किसान अपने सामर्थ्य को बढ़ा सकें, उन्हें खेती की आधुनिक सुविधाएं मिल सकें, उनकी आय बढ़े, इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार मिलकर काम कर रही हैं।
3. इस नई शिक्षा नीति का लाभ असम को, यहां के जनजातीय समाज को, चाय बागान में काम करने वाले श्रमिक भाई-बहनों को सबसे ज्यादा होने वाला है।
आज पूरी दुनिया भारत के इंजीनियर्स का लोहा मान रही है
1. बेटियों के लिए विशेष कॉलेज हों, पॉलिटेक्निक हो या दूसरे संस्थान, असम की सरकार इसके लिए बड़े स्तर पर काम कर रही है। असम सरकार यहां नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जल्द से जल्द लागू करने की कोशिश कर रही है।
2. धेमाजी इंजीनियरिंग कॉलेज नॉर्थ बैंक में पहला इंजीनियरिंग कॉलेज है। 3 ऐसे इंजीनियरिंग कॉलेज भी पाइपलाइन में हैं। असम सरकार इस तरह के कॉलेज और यहां तक कि पॉलिटेक्निक कॉलेजों के लिए बड़े स्तर पर काम कर रही है।
3. आज पूरी दुनिया भारत के इंजीनियर्स का लोहा मान रही है। असम के युवाओं में तो अद्भुत क्षमता है। इस क्षमता को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार जी जान से जुटी है। असम सरकार के प्रयासों के कारण ही आज यहां 20 से ज्यादा इंजीनियरिंग कॉलेज हो चुके हैं।
2014 तक केवल 55 परिवारों में एलपीजी गैस कनेक्शन थे
1. नीति सही हो, नीयत साफ हो तो नियति भी बदलती है। आज देश में जो गैस पाइपलाइन का नेटवर्क तैयार हो रहा है, देश के हर गांव तक ऑप्टिकल फाइबर बिछाया जा रहा है, हर घर जल पहुंचाने के लिए पाइप लगाया जा रहा है, वो भारत मां की नई भाग्य रेखाएं हैं।
2. आजादी के 7 दशक बाद भी जिन 18,000 गांवों में बिजली नहीं थी, उनमें से ज्यादातर असम और पूर्वोत्तर के थे। इस क्षेत्र में गरीब, जरूरतमंद और मध्यम वर्ग पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले कई उर्वरक उद्योग को बंद कर दिया गया है।
3. 2014 तक, प्रत्येक 100 परिवारों में से केवल 55 परिवारों में एलपीजी गैस कनेक्शन थे। असम में, रिफाइनरी मौजूद होने के बाद भी यह संख्या 40 पर थी। उज्ज्वला योजना की मदद से असम में एलपीजी कवरेज आज लगभग 100 प्रतिशत है।
इन प्रोजेक्ट्स से असम और नार्थ ईस्ट में लोगों का जीवन आसान होगा
1. इन सारे प्रोजेक्ट्स से असम और नार्थ ईस्ट में लोगों का जीवन आसान होगा और नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। जब किसी व्यक्ति को उसकी मूलभूत सुविधाएं मिलती हैं, तो उसका आत्मविश्वास भी बढ़ता है। बढ़ता हुआ ये आत्मविश्वास क्षेत्र का भी और देश का भी विकास करता है।
2. आत्मनिर्भर बनते भारत के लिए लगातार अपने सामर्थ्य, अपनी क्षमताओं में भी वृद्धि करना आवश्यक है। बीते वर्षों में हमने भारत में ही, रिफाइनिंग और इमरजेंसी के लिए ऑयल स्टोरेज कैपेसिटी को काफी ज्यादा बढ़ाया है।
3. सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र पर काम कर रही हमारी सरकार ने इस भेदभाव को दूर किया है। आज असम को तीन हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के एनर्जी और एजुकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का नया उपहार मिल रहा है।