इंडिया न्यूज सेंटर,पटनाः बिहार की राजनीति में आए तूफान के बीच विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए वोटिंग शुरू हो गई है। फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करने के लिए विधानसभा पहुंचे सीएम नीतीश कुमार ने आरजेडी के तीखे हमलों का माकुल जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सत्ता सेवा के लिए होती है न कि भोग के लिए होती है। बिहार विधानसभा में जबरदस्त हंगामे के बीच सीएम नीतीश कुमार ने विश्वासमत का प्रस्ताव पेश कर दिया है और लालू के बेटे तेजस्वी यादव को नेता विपक्ष घोषित किया जा चुका है। नेता विपक्ष घोषित किए गए तेजस्वी ने सीएम नीतीश को 'बॉस' कह डाला और उन पर भड़कते हुए कहा कि अगर हिम्मत होती तो मुझे बर्खास्त करते। इतना ही नहीं मेरे आत्म विश्वास से नीतीश डर गए।तेजस्वी ने ये भी कहा कि नीतीश कुमार महात्मा गांधी के हत्यारों से मिल गए हैं, साथ ही उन्होंने तीखा विरोध जाहिर करते हुए कहा कि नीतीश को सुशील कुमार मोदी के साथ बैठने में शर्म नहीं आई। आरोपों का पलटवार करते हुए बीजेपी ने कहा कि तेजस्वी को सत्ता के जाने का दर्द है। वहीं हंगामे के बीच आरजेडी ने मांग की है कि गोपनीय ढंग में ये फ्लोर टेस्ट करवाया जाए। बता दें कि लालू यादव का साथ छोड़कर नरेंद्र मोदी का हाथ थामने वाले नीतीश कुमार 16 घंटे में ही फिर मुख्यमंत्री बन गए। उन्होंने छठी बार यह कुर्सी संभाली है। राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने बृहस्पतिवार सुबह उन्हें पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने भी बतौर उप-मुख्यमंत्री शपथ ली। नीतीश शुक्रवार को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेंगे। विश्वास मत हासिल करने के बाद मंत्रिपरिषद का विस्तार किया जाएगा। जेडीयू ने कहा है कि सीएम नीतीश के पक्ष में क्रॉस वोटिंग हो सकती है। नीतीश के इस्तीफे के साथ आया सियासी भूचाल बुधवार देर रात तक चला। आधी रात 12 बजे के बाद नीतीश-सुशील ने राज्यपाल त्रिपाठी से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। तब तक राज्यपाल लालू-तेजस्वी को सुबह 11 बजे मिलने का वक्त दे चुके थे। चूंकि नीतीश ने 132 विधायकों की लिस्ट सौंपी थी, राज्यपाल ने उन्हें सुबह 10 बजे ही शपथ दिलाने का फैसला सुना दिया। पहले शपथ का वक्त शाम 5 बजे तय किया गया था। ठीक सुबह 10 बजे राजभवन के राजेंद्र मंडप में राज्यपाल ने नीतीश एवं सुशील को शपथ दिलवाई और महज आठ मिनट में समारोह पूरा हो गया।