इंडिया न्यूज सेंटर, देहरादून: यहां बात हो रही है उत्तराखंड सरकार में बाल विकास मंत्रालय सहित कई विभागों को संभाल रही मंत्री रेखा आर्य की। वो मंत्री हैं लिहाजा उनसे जुड़ी राजनीतिक बातें होना आम बात है। आज के दौर में वो मां जीवन की संरचना करने वाली भी है, परिवार की रीढ़ भी है तो एक आदर्श भी। वो परिवार भी संभालती है तो देश को भी बखूबी चलाना जानती है। बच्चों की परवरिश भी करती है साथ ही अपना फर्ज भी निभाती है। हम भी आज ऐसी ही एक मां की बात करेंगे जो अपनी हर जिम्मेदारी निभाते हुए, फर्ज को साथ लेकर मातृत्व धर्म कैसे निभाया जाता है उसकी एक मिसाल पेश कर रही हैं।रेखा आर्य चर्चा में तब आईं थीं जब कांग्रेस विधायक रहते हुए उन्होंने हरीश रावत सरकार में बगावत की थी और शक्ति प्रदर्शन के ठीक पहले तो बीजेपी के साथ खड़ी हो गईं थीं। रेखा आर्य कहती हैं कि चाहे उनके पास सरकारी विभागों और जनता की जिम्मेदारी है लेकिन इन जिम्मेदारियों के बीच वो अच्छी तरह से जानती हैं कि वो एक मां हैं और अपने बच्चों के बेहतर भविष्य की नींव रखना भी उन्हीं के हाथों में है।रेखा आर्य एक मां होने के साथ-साथ एक राजनीतिक हस्ती भी हैं। कैबिनेट में अकेली महिला मंत्री भी हैं और कई महिलाओं के लिये प्रेरणा भी हैं। रेखा आर्या के दोनों बेटे के नाम हैं रुद्राक्ष और कृष्णा। ये दोनों भले ही अभी छोटे हैं लेकिन मंत्री मम्मी की मानें तो वो यहां इसलिए आ रहे हैं क्योंकि इस वक्त स्कूलों की छुट्टियां है और घर में वो उन्हें समय नहीं दे सकती हैं। लिहाजा काम के साथ-साथ वो दोनों को विधानसभा ले आती हैं। मम्मी का हाथ पकड़कर दोनों बेटे रोज विधानसभा आते हैं और कुछ समय मम्मी के केबिन में रहने के बाद उन्हें पूरा सत्र अकेले ही रहना पड़ता है।