-सरकार बनाएगी खास वैबसाइट, जिस पर डाला जाएगा स्टूडेंट्स का डाटा
इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली:
स्टूडेंट्स के लिए मोदी सरकार एक नया फारमुला अपनाने जा रही है। अगर फारमुला कामयाब रहा तो लाखों स्टूडैंट्स को प्राइवेट और सरकारी नौकरियों के लिए अलग-अलग दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। केन्द्र ऐसा सिस्टम बना रही है जिससे स्टूडैंट्स एक ही एग्जाम पर फोकस कर दोनों क्षेत्रों में जा सकते हैं। यानी एक ही प्लेटफार्म से सरकारी और प्राइवेट नौकरियों के विकल्प खुल जाएंगे। नीति आयोग और पीएमओ मिलकर इसके लिए रोडमैप बना रहे हैं। यह काम साल के आखिर तक होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट तैयार होने के बाद सरकार प्राइवेट कम्पनियों से बात करेगी। पिछले हफ्ते सरकार ने यूपीएससी एग्जाम में बैठे सभी कैडीडेट्स के नंबरों को ऑनलाइन शेयर करने का फैसला किया था। इसका मकसद था कि प्राइवेट कंपनियां इन नंबरों के आधार पर अपने लिए योग्य कैडीडेट्स सिलैक्ट कर सकती हैं। यानी कंपनियों को अलग से लंबी चयन प्रक्रिया चलाने की जरूरत नहीं होगी। इसी आधार पर अगले कुछ महीनों में एसएससी, रेलवे, बैंकिंग या ऐसे तमाम एग्जाम लेने वाली एजैंसियां भी कैडीडेट्स के नंबरों को पब्लिक डोमेन में डालेंगी। सरकार इसके लिए एक खास वैबसाइट बना रही है। वैबसाइट पर मौजूद स्टूडैंट्स के डाटा को नैशनल करियर सैंटर से जोड़ा जाएगा।
सरकारी नौकरी के लिए फार्म भरते वक्त ही स्टूडैंट्स से पूछा जाएगा कि क्या वे अपने नंबरों को सार्वजनिक करना चाहते हैं, जो स्टूडैंट इसके लिए सहमत होंगे उन्हीं के नंबर वैबसाइट पर डाले जाएंगे। सरकारी और प्राइवेट नौकरियों के बीच पुल बनाने के प्रोजैक्ट से जुड़े एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि आने वाले समय में प्रतियोगी परीक्षाओं के पैटर्न में कुछ बदलाव संभव हैं। ऐसा इसलिए ताकि कैंडीडेट की स्किल का पूरा अंदाजा लगाया जा सके।