People were made aware under the Cancer Stop campaign in Pims
इंडिया न्यूज सेंटर,जालंधरः पंजाब इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइंसिज (पिम्स) में हर साल की इस साल भी कैंसर रोको अभियान के तहत लोगों को जागरुक किया गया। पिम्स के मेडिसन विभाग के प्रो. एंड हैड डा. एन.एस नेकी की ओर से विभाग में मरीज और उनके साथ आए लोगों को जागरुक किया।
इस अवसर पर पिम्स के डायरेक्टर प्रिंसीपल डा. राजीव अरोडा और रेजिडेंट डायरेक्टर श्री अमित सिंह ने कहा कि इस साल का थीम है, क्लोज द केयर गैप। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य है लोगों को इसके प्रति जागरूक करना। क्योंकि जितने लोग इसके बारे में सही तरीके से जानकारी ले पाएंगे। उतना ही इसे फैलने से रोका जा सकेगा। इससे मृत्यृ की दरों में भी कमी देखी जा सकेगी। वैश्विक स्तर पर इस दिन सभी सरकारें और संस्थाएं कैंसर के प्रति जागरूक अभियान चलाते हैं ताकि की कैंसर को बढ़ने से रोका जा सके।
गायनी विभाग की प्रो. एंड हैड डा. एच.के चीमा ने बताया कि दुनियाभर में महिलाओं में होने वाले कैंसर में सर्वाइकल कैंसर सबसे आम प्रकार का कैंसर है। अगर सही समय पर इसकी पहचान की जाए तो इसका इलाज किया जा सकता है।
सर्जरी विभाग के प्रो. एंड हैड. डा रजनीश कुमार ने कहा कि आमतौर पर मरीज जब हमारे पास आता तो उसे तीसरी या चौथी स्टेज का कैंसर होता है। जिसका इलाज करना बहुत कठिन हो जाता है। इस मौके पर मैडिसन विभाग के डा. कुसुम बाली, डा. अमरजीत विज, डा. जसविंदर कौर औऱ डा. सुनील शर्मा उपस्थित थे। वहीं, पंजाब इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइंसिज (पिम्स) ने सापा ( सतलुज अकेडमी आफ पिएडट्रिक) और जाप ( जालंधर अकेडमी आफ पिएडट्रिक) के सहयोग से पोक्स नामक वर्कशाप का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न मेडिकल कालेजों से डाक्टरों ने भाग लिया। सेमिनार का मुख्य उद्दश्य नवजात बच्चों को आ रही सम्सयाओं को समय से पहले कैसे हल किया जाए था।
पिम्स के बच्चों के विभाग के डा, जतिंदर सिंह ने वर्कशाप के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज समय की जरूरत है कि निककू में दाखिल बच्चे को किस प्रकार अग्रणी स्वास्थ्य सुविधा दी जाए। जैसे कि जन्म के बाद बच्चे को दिल से संबंधित कोई समस्या लगे तो डाक्टर की ओर से किसी हार्ट स्पेशिलिस्ट के आने से पहल बच्चे की इकोकाडयोग्राफी की जाए। नवजात को सांस लेने में तकलीफ हो तो उसृकी स्कैन करवानी जरूरी है। डा. जतिंदर ने बताया कि नवजात को बेहतर सुविधा देने के लिए इको, स्केन जैसी कई चीजे जरूरी है जो बच्चे को स्वास्थ्य संबंधी सुविधा देने में सहायक हो सकती है।
उन्होंने बताया कि जो डाक्टर निकू की ड्यूटी निभा रहे है। उन्हे चाहिए कि जरूरत पड़ने पर औऱ बिना देरी किए नवजात की इको, और स्केन करें। यह उनके लिए और नवजात के लिए वरदान से कम नहीं होगी। इससे डाक्टर को बच्चे की सहीं स्थिति के बारे मे पता लग सकेगा औऱ उसी के आधार पर बच्चे का इलाज किया जा सकेगा।
पिम्स के रेजिडेंट डायरेक्टर श्री अमित सिंह और डायरेक्टर प्रिंसीपल डा. राजीव अरोड़ा ने विभिन्म जिलों औऱ राज्यों से आए डाक्टरों का धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा हमें खृशी है कि पिम्स में इस प्रकार की वर्कशाप का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि जैसे कि अन्य डाक्टरों ने बताया कि आज के समय को देखते हुए निकू की सेवा निभा रहे डाक्टर के लिए यह चीजे जरूरी है ताकि देरी से बचा जा सके औऱ बच्चे का इलाज बेहतर हो सके। उन्होंने कहा कि पिम्स में समय-समय पर इस प्रकार की वर्कशाप का आयोजन जारी रहेगा। इससे भविष्य के डाक्टरों को भी बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।